भले ही मानसून ने मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में मजबूत उपस्थिति दर्ज कराई है, लेकिन मध्य प्रदेश अभी भी मानसून के आने का इंतजार कर रहा है। वर्तमान में, हालांकि देश के दक्षिणी हिस्से में मानसूनी हवाओं की गति संतोषजनक है, लेकिन बंगाल की खाड़ी के ऊपर चलने वाली मानसूनी हवाओं की गति कुछ हद तक धीमी हो गई है। पिछले 24 घंटों में, प्रदेश के अधिकांश जिलों में में कभी-कभार बारिश की बौछारों को छोड़कर केवल बादल छाए हुए हैं।
‘धार समेत कई जिलों में भारी बारिश’
मौसम विभाग के मुताबिक, बुधवार को धार समेत कई जिलों में भारी बारिश हुई, जबकि 10 से अधिक जिलों में तेज हवाएं चलीं। आज गुरुवार को भी तेज हवाएं चलने और बारिश होने की संभावना है।
‘प्रदेश में मौसम का मिजाज’
फिलहाल प्रदेश में दो तरह का मौसम देखने को मिल रहा है। बुधवार को पूरे प्रदेश में मौसम का मिलाजुला मिजाज देखने को मिला। रतलाम, आगर, बैतूल, अलीराजपुर, जबलपुर, बड़वानी, पांढुर्ना, बुरहानपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, नीमच, खड़गपुर, उज्जैन, राजगढ़, मंदसौर, खंडवा, इंदौर, मंडला, डिंडोरी आदि में मौसम बदला हुआ नज़र आ रहा है। इससे पहले कई शहरों में गर्मी का असर देखने को मिला है।
‘मानसून का आगमन’
IMD की वरिष्ठ वैज्ञानिक ने बताया कि प्री-मानसून गतिविधि पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती परिसंचरण के कारण है। बुधवार को महाराष्ट्र के कई हिस्सों में मानसून ने अपना दबदबा बनाए रखा। अब बंगाल की खाड़ी और अरब सागर की शाखाएं थोड़ी कमजोर पड़ गई हैं। इसलिए, राज्य में मानसून के एक-दो दिन देरी से पहुंचने की उम्मीद है। मानसून के आने की सामान्य तिथि 15 जून है।