इंदौर| स्मार्ट सिटी में फैले भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कमर कस ली है,इसी क्रम में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत जो सूखे कचरे का प्लांट था वहां जिस एजेंसी को काम दिया गया था उसे तय revenue भी देना था ,और तय revenue ना देने के बावजूद भी टेंडर की कंडीशन के विपरीत जाकर समय सीमा पूरा होने के पहले उनके टेंडर को बढ़ाना यह सीधे तौर पर एजेंसी को लाभ देना था जिससे शहर के सूखे कचरे की प्रोसेसिंग के तहत बड़ा नुकसान हुआ है ।मामले की जानकारी जब मुझे मिली तो मैंने इसकी जांच कराने के लिए मुख्यमंत्री जी से आग्रह किया है,कि बड़े लेवल का यह फ्रॉड है,यह शहर को धोखा देने के समान है और ऐसे किसी भी मामले में जो दोषी है उनके खिलाफ सख़्त कार्रवाई हो यह हमारी जिम्मेदारी है,
मेरे संज्ञान में जैसे ही विषय आया, मैंने कार्रवाई करने के लिए चीफ सेक्रेटरी को भी कहा है।और स्मार्ट सिटी के वर्तमान चेयरमैन और इंदौर कलेक्टर को भी कहा है कि एजेंसी का एक्सटेंशन गलत तरीके से हुआ है, उसको निरस्त कर जो भी कानूनन कार्यवाही हो वह करें। और भी जो इंदौर नगर निगम में फर्जी बिल घोटाला चल रहा है,उसके तहत भी चिट्ठी में मैंने यह लिखा है कि एक अलग तरह का फ्रॉड है।इसमें फाइनेंसियल फोर्ड को समझने वाली एजेंसी भी लगाने की जरुरत है, उसे भी इसमें जोड़ा जाए और टाइम बाउंड समय में जांच कर दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए,भविष्य में इस तरह की पुनरावृति न हो इसके लिए मुख्यमंत्री जी ने इंदौर को खुद का डिजिटलाइजेशन करने की अनुमति दे दी है साथ ही विभाग के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय जी ने भी इसकी अनुमति दी है,नगर पालिका से बाहर आने का प्रयास हम लगातार रहे थे जो अब अपने अंतिम दौर में हैं और हम खुद का पोर्टल ला रहे हैं ।
शहर के साथ धोखा करने वाले इस तरह के भ्रष्टाचार करके प्राइवेट लोगों को फायदा पहुंचाने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी उस में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा ऐसे और कई मामले लोगों के द्वारा शिकायत से मुझे मिल रहे हैं इस सभी पर एक बार संयुक्त रुप से जांच हो सभी नगरीय निकाय में डिजिटलाइजेशन को बढ़ावा मिले और ट्रांसपरेंसी को बढ़ावा दिया जाए, इंदौर स्वच्छता में नंबर वन है और नंबर वन हम बने रहें लेकिन स्वच्छता के नाम पर किसी ने भी गड़बड़ी की है उनके खिलाफ भी कारवाई हो इसको सुनिश्चित किया जाना जरूरी है।विशेष रुप से स्मार्ट सिटी के प्रोजेक्ट और उस समय मैं जब कोई जनप्रतिनिधि नहीं था उस समय की गड़बड़ी की जांच करने की आवश्यकता है।