Cyclone Remal: असम में आज स्कूल बंद, IMD ने ‘रेड’ अलर्ट किया जारी

Shivani Rathore
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Cyclone Remal: भारत के पूर्वी राज्यों में रेमल चक्रवात ने अपना भारी कहर मचा रखा है। पूर्वाेत्तर भारत में तेज़ हवाओं और भारी बारिश ने तबाही मचाई है। रविवार को पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के तट पर दस्तक देने वाला चक्रवात ‘रेमल’ कमजोर होकर एक सुस्पष्ट निम्न दबाव वाले क्षेत्र में तब्दील हो गया है। क्योंकि यह निरंतर आगे की ओर बढ़ रहा था।

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने चक्रवात रेमल के कारण हुई भारी बारिश और भूस्खलन के बीच बुधवार, 29 मई को राज्य के नौ जिलों में शैक्षणिक संस्थानों को बंद करने का आदेश दिया है। जिन जिलों में स्कूल और कॉलेज बंद रहेंगे, वे हैं नागांव, होजाई, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, कार्बी आंगलोंग, गोलाघाट, दीमा हसाओ, कछार, हैलाकांडी और करीमगंज।

हिमंत सरमा ने मंगलवार को एक्स पर पोस्ट किया कि “नागांव, होजाई, पश्चिम कार्बी आंगलोंग, गोलाघाट, दीमा हसाओ, कछार, हैलाकांडी और करीमगंज के लिए रेड अलर्ट को जारी किया जाए। इन जिलों में सारे शैक्षणिक संस्थान 29 मई 2024 को पुरी तरह से बंद रखें जाये और इस भारी आपदा से निपटने के लिए सुरक्षित रहें।” इससे पहले भारत के पूर्वी राज्यों के ऐसे कहीं इलाके है जो प्रशासन ने भारी बारीश को देखते हुए मगंलवार के दिन सारे स्कूल, दफ्तर को बंद करने का आदेश दिया गया था।

आईएमडी ने जारी किया ‘रेडअलर्ट‘
रेमल चक्रवात को लेकर प्रशासन निंरतर सुरक्षा में लगा हुआ है. और कई इलाको मे मौसम विज्ञान ने रेडअलर्ट को जारी किया हैं। भारत के मौसम विज्ञान (आईएमडी) ने बुधवार 29 मई 2024 को भारतीय पूर्वी राज्यों में भारी वर्षा को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया। मौसम विभाग ने कई ऐसे राज्य है जहां भारी वर्षा होने का अनुमान लगाया है। 29 मई बुधवार को ऐसे कई इलाको में ( नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा 115.5 से 204.4 मिमी वर्षा) भारी-से-भारी वर्षा होनें की संभावना जताई गई है।

जबकि त्रिपुरा में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है, अपने बुलेटिन में आईएमडी ने संवेदनशील क्षेत्रों के लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने और प्रभावित क्षेत्रों के लोगों को घर के अंदर रहने की सलाह दी। राज्य सरकार ने कहा कि भारी बारिश के कारण 246 परिवारों के कुल 746 लोगों को राज्य के विभिन्न हिस्सों में खोले गए राहत शिविरों में शरण लेने कि सलाह दी गई है और लोगों से जलभराव और भूस्खलन वाले क्षेत्रों से बचने का भी आग्रह किया।