जम्मू-कश्मीर के पूर्व सीएम और नेशनल कॉन्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि भाजपा सरकार ने नेपाल द्वारा कब्जाई गई भारतीय भूमि के बारे में कुछ नहीं किया और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पर भारत की जमीन बांग्लादेश को देने का आरोप लगाया – जैसा कि उन्होंने कच्चातिवु द्वीप विवाद पर टिप्पणी की थी। अब्दुल्ला की टिप्पणी भाजपा के इन दावों के बीच आई है कि इंदिरा गांधी ने 1974 में यह द्वीप श्रीलंका को दे दिया था।
.पीएम ने भारत की जमीन बांग्लादेश को दे दी। चीन ने लद्दाख में हमारी जमीन पर कब्जा कर लिया है और कल उन्होंने अरुणाचल प्रदेश के गांवों के नाम भी ले लिए। वे (भाजपा) इसके बारे में कुछ नहीं कहेंगे। मैं उन्हें बताऊंगा कि जब आप किसी पर एक उंगली उठाओ, याद रखो कि तीन उंगलियां भी उठाई जाती हैं
आपको बता दें पीएम मोदी ने कांग्रेस पर अपने शासन के वर्षों के दौरान भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करने का आरोप लगाते हुए कच्चातिवु द्वीप का मुद्दा उठाया था। पीएम मोदी ने दिवंगत डीएमके सांसद का एक बयान साझा किया, जो तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार द्वारा हस्ताक्षरित भारत-श्रीलंका समुद्री समझौते से निराश थे, जिसके द्वारा भारत ने कच्चातिवु द्वीप पर अपना दावा छोड़ दिया था ।
उन्होनें कहा था कि आंखें खोलने वाली और चौंका देने वाली! नए तथ्यों से पता चलता है कि कैसे कांग्रेस ने निर्दयतापूर्वक कच्चातिवु को छोड़ दिया गया, इससे हर भारतीय नाराज है और लोगों के मन में यह पुष्टि हुई है कि हम कभी भी कांग्रेस पर भरोसा नहीं कर सकते! भारत की एकता, अखंडता और हितों को कमजोर करना कांग्रेस का काम करने का तरीका रहा है।
वहीं बीजेपी नेता अन्नामलाई ने सोमवार को कहा कि तमिलनाडु के दिवंगत मुख्यमंत्री करुणानिधि की सहमति से कच्चातिवु को श्रीलंका को दे दिया गया था। उन्होंने पूर्व विदेश मंत्री केवल सिंह से बात की थी। अब, भाजपा ने कच्चातिवु को वापस पाने के लिए विदेश मंत्री जयशंकर को एक पत्र दिया है।