उद्योगों में सूचना प्रौद्योगिकी(आई.टी.) के बढ़ते उपयोग को देखते हुए अब श्रमिकों और उनके परिवार के आश्रितों को निःशुल्क कम्प्यूटर सिखाया जा रहा है। प्रदेश के श्रमिक और उनके आश्रित अपनी रूचि के अनुरूप सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का काम सीख रहे हैं। उन्हें इलेक्ट्रिशियन, फिटर मैकेनिकल और वेल्डिंग वर्क में प्रशिक्षित किया जा रहा है। इस प्रकार का प्रशिक्षण मध्यप्रदेश के 3 हजार श्रमिकों एवं उनके परिवार के आश्रितों को प्रदान किया जा रहा है।
यह प्रशिक्षण पूरी तरह निःशुल्क प्रदान किया जा रहा है। सेडमैप की कार्यकारी संचालक श्रीमती अनुराधा सिंघई ने बताया कि श्रमिक और उनके परिवार के आश्रितों का जीवन स्तर ऊंचा उठाने और आजीविका संवर्धन के लिए उन्हें निःशुल्क कौशल विकास प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। उद्यमिता विकास केन्द्र मध्यप्रदेश (सेडमैप) द्वारा उद्योगों की आवश्यकता और मांग को देखते हुए विभिन्न ट्रेड्स में 3 हजार श्रमिकों को मार्च माह के अंत तक प्रशिक्षित कर दिया जाएगा।
‘‘आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश’’ की संकल्पना को साकार करने के लिए कुशल, उच्च कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता की पूर्ति करने के उद्देश्य से सभी प्रशिक्षण आयोजित किए जा रहे हैं। इसके लिए साफ्टवेयर डेवलपमेंट ट्रेड में 600, डेस्क टॉप पब्लिशिंग (डी.टी.पी.) ट्रेड में 450 श्रमिकों एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसी के साथ ड्राफ्ट्स पर्सन सिविल वर्क में 450, इलेक्ट्रिशियन ट्रेड में 600, वेल्डिंग ट्रेड में 450 और फिटर ट्रेड में भी 450 इस प्रकार कुल 3 हजार श्रमिकों एवं उनके परिवार के आश्रित सदस्यों को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि मध्यप्रदेश के भोपाल, इंदौर, ग्वालियर एवं जबलपुर जिला मुख्यालयों में यह कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं ताकि अकुशल श्रमिक एवं उनके आश्रित लघु अवधि कौशल प्रशिक्षण पाकर उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप तैयार हो सके। प्रशिक्षण द्वारा पात्र पंजीयनधारी श्रमिक एवं उनके पंजीयन कार्ड से जुड़े परिवार के सदस्य लाभान्वित हो रहे हैं। यह सभी प्रशिक्षण कार्यक्रम पूरी तरह निःशुल्क हैं।
सेडमैप की कार्यकारी संचालक श्रीमती अनुराधा सिंघई ने बताया कि इंदौर और भोपाल के आसपास संचालित हो रहे उद्योगों में सर्वाधिक साफ्टवेयर डेवलपर, डी.टी.पी. वर्क, इलेक्ट्रिशियन, वेल्डर, फिटर ट्रेड में 2 हजार 600 कुशल कर्मचारियों की आवश्यकता की पूर्ति की जाना है, जबकि जबलपुर में इलेक्ट्रिशियन और ग्वालियर में साफ्टवेयर डेवलपर ट्रेड में अधिक मांग को देखते हुए 200-200 श्रमिकों को कौशल प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है। इसके अन्तर्गत राजधानी भोपाल में सबसे अधिक 1 हजार 350 श्रमिक प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं।
उद्यमिता विकास केंद्र मध्य प्रदेश (सेडमैप) तीन दशकों से भी अधिक समय से प्रगतिशील और अविश्वसनीय रूप से कार्य कर रहा है। संस्था ने एक परिश्रमी और महत्वपूर्ण सहयोगी के रूप में कौशल विकास और उद्यमिता विकास में एक मानक स्थापित किया है। एक स्वायत्त निकाय और गैर-लाभकारी संस्था के रूप में सेडमैप की स्थापना वर्ष 1988 में हुई थी तब से अब तक कोई 35 वर्ष की अपनी यात्रा में सेडमैप ने समाज के उत्थान के लिए उद्यमिता विकास गतिविधियों के क्षेत्र में बड़ी सफलता हासिल की है। यही वजह है कि सेडमैप को उद्यम कौशल वृद्धि के साथ-साथ आजीविका विकास गतिविधियों को संचालित करने के लिए एक प्रमुख एवं विश्वसनीय संस्था की मान्यता प्राप्त है।
यह मध्यप्रदेश सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विभाग के लिए नोडल एजेंसी के रूप में कार्यरत है। सेडमैप ने संबंधित संसाधनों और दक्षताओं का उपयोग करने के लिए प्रतिष्ठित संस्थानों के साथ अनुबंध भी किए हैं ताकि प्रशिक्षण परियोजनाओं के परिणाम में सुधार किया जा सके। सेडमैप उद्यमों और रोजगार-स्व-रोज़गार के लिए एक संपूर्ण पारिस्थितिकी तंत्र की सुविधा प्रदान करने के उद्देश्य से निरंतर कार्य कर रहा है। सेडमैप से सम्बंधित विस्तृत जानकारी वेबसाइट https://cedmapindia.mp.gov.in पर उपलब्ध है।