12 फरवरी को मप्र विधानसभा में मोहन सरकार का पहला अंतरिम बजट (लेखानुदान) पेश किया गया था। उप मुख्यमंत्री और वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने अंतरिम बजट पेश किया था। इस दौरान उप मुख्यमंत्री ने वर्ष 2024-25 के लिए एक लाख 45 हजार करोड़ रुपए का अंतरिम बजट प्रस्तुत किया। इस बार बीजपी का मिशन 370 है यानी लोकसभा चुनाव में 370 वोट हासिल करना है।
लोकसभा चुनाव के नजदीक होने की वजह से इस बार के अंतरिम बजट में ‘मोदी की गारंटी और विकसित मध्य प्रदेश’ की झलक दिखाई दे रही है। इन योजनाओं के तहत राज्य में सभी वर्गो के विकास और कल्याण के लिए महत्वपूर्ण फैसले लिए गए। इस बार के बजट में किसान, महिलाओं और युवा वर्ग सभी के लिए कुछ ना कुछ ख़ास है। इसी के साथ प्रदेश के बजट में कर्मचारियों और पेंशनर के लिए भी चार प्रतिशत डीए और महंगाई राहत का प्रविधान किया गया है।
DA में होगी वृद्धि:
मध्य प्रदेश में सभी सरकारी कर्मचारियों को काफी लम्बे समय से डीए का इंतज़ार है। मगर, सरकार की तरफ से अभी इस पर कोई फैसला नहीं लिया गया है। महंगाई भत्ते के साथ वाहन और मकान भत्ते बढ़ाने पर भी अभी तक कोई फैसला नहीं हो पाया है। सरकार के इस बर्ताव से कर्मचारियों में आक्रोश लगातार बढ़ता जा रहा है।
इस बार मध्य प्रदेश के कर्मचारी संघ ने सतपुड़ा भवन के सामने जमकर प्रदर्शन किया और साथ में सीएम मोहन यादव के नाम भी ज्ञापन सौंपा। बता दें कि प्रदेश में 7.50 लाख कर्मचारी एवं 4.50 लाख सेवानिवृत कर्मचारियों का 4 फीसदी महंगाई भत्ता अभी तक उन्हें नहीं मिला है। बल्कि इसे जुलाई 2023 से बढ़ाना चाहिए था। इस 4 फीसदी महंगाई भत्ते से कर्मचारियों की सैलरी में 700 रुपए से लेकर 6000 रुपए तक का लाभ होगा।