27 टेस्ट, 53 वनडे और 10 टी-20 इंटरनेशनल खेल चुके भारत के क्रिकेटर श्रीशंत इन दिनों क्रिकेट से दूर रह कर फिलहाल राजनीति और एक्टिंग की दुनिया में कदम रख चुके हैं। श्रीशंत को आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में जेल जाना पड़ा था। आज उनका 41 वां जन्मदिन है मगर जेल में गुजारे दिनों को याद कर वह आज भी सिहर उठते हैं।
किसी भी खेल में लड़ने और जीतने की भूख कभी खत्म नहीं होती। हम सब इस बात को मानते हैं एक खलाड़ी के अंदर एक फाइटर छुपा होता है चाहे वो युवराज सिंह हो या श्रीशंत। क्रिकेटर श्रीशंत का पूरा नाम शांताकुमारन नायर श्रीसंत है और आज उनका जन्मदिन है, वे आज 41 साल के हो गए हैं। साल 2013 से पहले श्रीसंत को भारतीय टीम का एक बेहतरीन गेंदबाज़ माना जाता था। मगर 2013 में आईपीएल स्पॉट फिक्सिंग के आरोप में उनका करियर बर्बाद हो गया।
आपको बता दें की श्रीशंत 2007 में पहला टी-20 वर्ल्ड कप जीतने वाली भारतीय टीम का हिस्सा थे। मगर स्पॉट फिक्सिंग ने उनके करियर पर एक काला धब्बा लगा दिया। हालांकि लंबी कानूनी लड़ाई के बाद उन्होंने खुद को बेगुनाह तो साबित कर लिया लेकिन स्पॉट फिक्सिंग के मामले में जो 26 दिन उन्होंने तिहाड़ जेल में गुज़ारे थे, उन्हें याद कर के वे आज भी अंदर से सिहर जाते हैं।
एक इंटरव्यू के दौरान श्रीशंत ने बताया की तिहाड़ जेल में एक बल्ब था जो हमेशा जलता रहता था, जिसे वो बंद नहीं करते थे, जिसके चलते नींद भी नहीं आती थी। मैंने उस पर ‘रोशनी’ नाम से एक गाना भी लिखा। उन्होंने कहा की उन्हें मर्डरर और रेपिस्ट जैसे लोगों के बीच रहना पड़ता था जो उन्हें गन्दी गन्दी गालियां भी देते थे।