देशभर में कोरोना का संक्रमण लगातार तेजी पकड़ रहा है. इसका सबसे असर महाराष्ट्र में देखने को मिल रहा है. राज्य सरकार द्वारा सख्ती बढ़ाने के बाद भी संक्रमण के नए मामलों में कमी देखने को नहीं मिल रही है. इसी के चलते शनिवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सर्वदलीय बैठक की.
हालांकि इस बैठक का कोई नतीजा नहीं निकला लेकिन बैठक के दौरान विभिन्न पक्षों पर चर्चा हुई. बताया जा रहा है कि उद्धव ठाकरे ने अपने कैबिनेट के सहयोगियों और विपक्षी नेताओं से पूछा-‘आप ही बताइए कि क्या समाधान है? मैं हर तरह ही सलाह का स्वागत करता हूं. आखिर इस स्थिति को हम नियंत्रण में कैसे लेकर आ सकते हैं?’
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि इस बैठक में डिप्टी सीएम अजित पवार, स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे, गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल, रेवेन्यू मंत्री बालासाहेब थोराट, कांग्रेस नेता अशोक चह्वाण, महाराष्ट्र कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले, शहरी विकास मंत्री एकनाथ शिंदे, नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस शामिल थे. इसके अलावा महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल, चीफ सेक्रेटरी सीताराम कुंते, स्वास्थ्य सचिव प्रदीप व्यास भी बैठक में मौजूद थे.
बैठक के दौरान इन मुद्दों पर हुई ख़ास चर्चा-
-15 दिन का सख्त लॉकडाउन इस वक्त एक बड़ी आशा है.
-वैक्सीनेशन एकमात्र समाधान नहीं है. मामलों की बढ़ती संख्या के मद्देनजर लॉकडाउन अभी इकलौती आशा दिख रहा है.
-अगर लॉकडाउन न लगे तो आवाजाही रोकने के बेहद सख्त कदम उठाए जाएं.
-तेजी से बढ़ते मामले चिंता का सबब हैं.
-कोरोना की दूसरी लहर पहली से कहीं ज्यादा खतरनाक है और अस्पतालों में बेड लगभग भर चुके हैं.
-मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे कोविड-19 टास्क फोर्स के साथ आज एक बैठक करेंगे. प्रतिबंधों को लेकर उसके बाद ही निर्णय किया जाएगा.
-अगर लोगों की आवाजाही पर प्रतिबंध नहीं लगाया गया तो कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग की प्रक्रिया बेहद कठिन बनी रहेगी.
-रेमिडिजिविर की कमी पर चर्चा हुई.
-आर्थिक रूप से कमजोर को लोगों को मदद पर चर्चा हुई.
-अगर लॉकडाउन की घोषणा की जाए तो दूसरे राज्य के लोगों को वापस लौटने का समय दिया जाए.