– आईआईएम इंदौर में लगातार दो कार्यकाल प्राप्त वाले पहले निदेशक बने प्रो. राय
– आईआईएम इंदौर का अंतर्राष्ट्रीय परिसर, इंदौर परिसर का विस्तार और आधुनिकीकरण, 75+ विदेशी सहयोग, प्रमुख कार्यक्रमों के लिए सीटों में वृद्धि शामिल है अगले पांच वर्षों की योजना में
इंदौर : आईआईएम इंदौर के निदेशक प्रो. हिमाँशु राय ने 31 दिसंबर, 2023 पूर्वान्ह में अपना पांच वर्ष का कार्यकाल समाप्त किया और संस्थान के शासी निकाय (बोर्ड ऑफ गवर्नर्स – बीओजी) द्वारा उनकी पुनर्नियुक्ति के बाद, उन्होंने आज अपना दूसरा कार्यकाल शुरू किया। इस दूसरी पारी में उनका कार्यकाल अब 31 दिसंबर, 2028 तक, अर्थात अगले पांच वर्षों तक जारी रहेगा। प्रो. राय आईआईएम इंदौर के पहले निदेशक हैं जिन्हें लगातार दो कार्यकाल सौंपे गए हैं। इस अवसर पर संस्थान के बीओजी के चेयरमैन श्री एम. एम. मुरुगप्पन ने कहा, “हमें आईआईएम इंदौर में प्रो. हिमाँशु राय के कार्यकाल के विस्तार की घोषणा करते हुए प्रसन्नता हो रही है। उनकी दूरदर्शी रणनीतियों और असीम समर्पण ने संस्थान की प्रतिष्ठा को और भी आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हम उनके मार्गदर्शन में सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंचने का उत्सुकता से इंतजार कर रहे हैं।”
प्रो. राय ने इस अवसर पर संस्थान के बोर्ड, शिक्षा मंत्रालय, फैकल्टी, कर्मचारियों और विद्यार्थियों के अपार समर्थन के लिए हार्दिक सराहना और आभार व्यक्त किया। प्रो. राय ने कहा, “आईआईएम इंदौर के निदेशक के रूप में दोबारा नियुक्त होना एक बहुत बड़ा सम्मान है। मैं इस प्रतिष्ठित संस्थान को और भी अधिक उत्कृष्टता की ओर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।” अपनी योजनाओं को साझा करते हुए उन्होंने कहा कि आने वाले वर्षों में, आईआईएम इंदौर 20 देशों के 48 संस्थानों के साथ साझेदारी का लाभ उठाते हुए अपना अंतरराष्ट्रीय परिसर स्थापित करेगा। सहयोगों की संख्या में और भी वृद्धि होगी। उन्होंने कहा, “इन सहयोगों का उद्देश्य विद्यार्थियों, शिक्षकों और कर्मचारियों को वैश्विक दृष्टिकोण प्रदान करना, अंतर्राष्ट्रीय शिक्षण अनुभवों और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है।”
उन्होंने कहा कि हम अपने परिसर का विस्तार करने के साथ-साथ पीजीपी, आईपीएम और पीजीपीएचआरएम सहित अपने प्रमुख कार्यक्रमों में सीटें बढ़ाने की योजना बना रहे हैं। साथ ही हम कैंपस को अल्ट्रा-मॉडर्न और नेट ज़ीरो कैंपस बनाने का प्रयास कर रहे हैं। इस पहल में नए शैक्षणिक और प्रशासनिक ब्लॉक, कार्यकारी निवास और छात्रावासों का निर्माण शामिल है। इसके अंतर्गत 870 से अधिक छात्रों को समायोजित करने के लिए, समग्र शिक्षा के लिए अनुकूल विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित किया जाएगा। इस योजना के तहत संस्थान का उद्देश्य अपनी अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धताओं के साथ संरेखित होना है, जिसमें विदेशी सरकारी अधिकारियों के लिए पाठ्यक्रमों की मेजबानी करना शामिल है। इस वर्ष आईआईएम इंदौर ने भारत सरकार के विदेश मंत्रालय के सहयोग से ऐसे दो कार्यक्रम आयोजित किए थे जिसमें विदेशी सरकारी अधिकारी शामिल हुए थे। उन्होंने कहा, “भविष्य की योजनाओं में 75 विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ साझेदारी करना शामिल है।”
उन्होंने कहा, विकास और नवाचार के लिए हम निरंतर प्रतिबद्ध हैं। हम अपने एलुमनाई नेटवर्क को मजबूत करेंगे। इस नेटवर्क में अब 10,000 से अधिक सदस्य हैं। हमारे पूर्व छात्र उद्योग के रुझानों में अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं और नवीनतम उद्योग विकास के साथ इसके संरेखण को सुनिश्चित करने के लिए हमारे पाठ्यक्रम के विकास में सहायता करते हैं। यह सहयोग हमें गतिशील शिक्षण वातावरण को बढ़ावा देने में मदद करता है। साथ ही हमें नए ईलेक्टिव पेश करने के भी सुझाव देता है। इस वर्ष, अंडरस्टैंडिंग पॉवर, एडवांस्ड कॉर्पोरेट और इकोनोमी लॉ, बी2जी: डूइंग बिज़नेस विथ गवर्नमेंट, मार्केटिंग एआई इनेबल्ड हेल्थकेयर, पीपल एंड पॉवर: अंडरस्टैंडिंग इलेक्शन पॉवर एंड अपॉइंटमेंट थ्रू मैथमेटिक्स, एजाइल एंड एडेप्टिव एचआर प्रक्टिसेस, स्ट्रेटेजी थ्रू सिनेमा, सर्विसेज लेड डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन, इत्यादि नए ईलेक्टिव पेश किए जाएँगे।
इसके अलावा, हमारे एग्जीक्यूटिव एजुकेशन प्रोग्राम्स में भी विस्तार हो रहा है। हमारा लक्ष्य आने वाले वर्ष तक लगभग 210+ पाठ्यक्रमों की पेशकश करना है, जो एग्जीक्यूटिव्स को उनके संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए अत्याधुनिक ज्ञान और कौशल प्रदान करेंगे। अब आईआईएम इंदौर के संयुक्त अरब अमीरात, जीसीसी देशों और मध्य पूर्व में 800 से अधिक पूर्व छात्रों का समूह है, जो अंतरराष्ट्रीय विस्तार की योजनाओं को और भी प्रेरित करता है।
प्रो. राय के गतिशील नेतृत्व में, आईआईएम इंदौर ने अपनी वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता को मजबूत करते हुए तीन प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मान्यताएँ – EQUIS, AACSB, और AMBA- हासिल कीं। आने वाले वर्षों के लक्ष्य में एफटी100 रैंकिंग में शीर्ष 50 में जगह हासिल करना, एडुनिवर्सल रैंकिंग में फाइव पाम्स ऑफ एक्सीलेंस हासिल करना और भारत के शीर्ष 5 बी-स्कूलों में की सूची में आना शामिल है।
पर्यावरणीय स्थिरता के प्रति आईआईएम इंदौर की प्रतिबद्धता नेट-शून्य परिसर बनने की दिशा में इसकी पहल में स्पष्ट है। प्रो. राय ने नवीकरणीय ऊर्जा अपनाने, अपशिष्ट प्रबंधन और हरित पहल पर ध्यान केंद्रित करने वाली परियोजनाओं पर भी जोर दिया जो पर्यावरण के प्रति संस्थान के जिम्मेदार प्रबंधन के अनुरूप हैं।
प्रो. राय ने आईआईएम इंदौर में उत्कृष्टता केंद्र (सीओई) पर भी प्रकाश डाला। अन्वेषण में अब जनवरी 2024 में चार नए बैच शुरू होंगे। संस्थान अपने दो नए पाठ्यक्रमों का पहला बैच भी शुरू करेगा। इनमें से एक पाठ्यक्रम है हिंदी में नेतृत्व विकास कार्यक्रम, जो प्रबंधन शिक्षा में भाषा की बाधाओं को तोड़ता है। इसके अलावा, मास्टर ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज ऑनलाइन डिग्री और विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ संयुक्त पाठ्यक्रम की भी योजनाएं हैं।
प्रो. राय की पुनर्नियुक्ति संस्थान की वृद्धि और विकास के एक नए चरण का प्रतीक है। उनके नेतृत्व में आईआईएम इंदौर फिर से एक बार प्रबंधन शिक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देने और उत्कृष्टता का प्रतीक बने रहने के लिए तैयार है।