इंदौर : धर्म रक्षा समिति द्वारा चुनाव में जैन समाज की भूमिका एवम तीर्थो व संतो की रक्षा जेसे विषय पर अलग अलग विधानसभाओं में जैन समाज में जन चेतना अभियान चलाया जा रहा हे । जिसके अंतर्गत तीर्थो और संतो की सुरक्षा को ले कर पिछले 10 वर्षो में मोदी सरकार और भाजपा के कार्यकाल में उठे सवालों पर चिंतन बैठक कर चुनाव में जैन समाज की भूमिका पर चर्चा की जा रही हे ।
विधानसभा एक , पांच और राऊ विधानसभा में धर्म रक्षा समिति अब तक 22 से अधिक बैठको का आयोजन कर चुकी है । राऊ विधानसभा के अंतर्गत नैनीद पंचायत के गोमट गिरी पर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनुरोध ललित जैन के संयोजन व डॉ के सी जैन, संतोष जैन (मामाजी), पंकज कासलीवाल, टोनी जिनेंद्र जैन, लकी अंकित जैन, पारस जैन , श्रेयांस जैन, ओम पाटोदी, सुभाष जैन( रामकमल) , नीरज जैन के सह संयोजन में आयोजित मीटिंग में जैन समाज के तीर्थो पर पिछले 10 वर्षो में कब्जे के प्रयासों की घटनाएं व संतो पर हमलों की घटनाओं पर चिंतित समाज की चुनाव में भूमिका क्या हो इस पर विभिन्न संगठनों, प्रमुखों ने अपनी बात रखी । बैठक में प्रमुख रूप से प्रवक्ता मनीष अजमेरा , संजय बाकलीवाल ,पूर्व पार्षद सुरेश मिंडा , पवन जैन ,राजेश जैन दद्दू ने तथ्यात्मक रूप से ओजस्वी उद्बोधन देते हुए कहा की एक तरफ राष्ट्र पिता महात्मा गांधी की जोड़ने वाली विचार धारा है तो दूसरी ओर गोडसे की तोड़ने वाली विचार धारा । पिछले 70 वर्षो में एक और जिस पार्टी ने समाज को देने का काम किया वही पिछले 10 वर्षो में जैन समाज के तीर्थो पर वर्तमान सत्ता धारी पार्टी द्वारा कब्जे के प्रयासों को संरक्षण दिया जा रहा हे ।
समाज के सामने यह महत्वपूर्ण प्रश्न है की संलेखना , मयूर पीछी पर रोक और स्वच्छता के नाम पर संतो की शौच की प्रक्रिया पर रोक लगाने जेसे षड्यंत्र इन 10 वर्षो में किस सत्ता के चलते रचे गए है।
तीर्थ राज सम्मेद शिखर को पर्यटक स्थल बनाने, गिरनार पर कब्जे और गिरनार पर्वत के विकास के नाम पर करोड़ों की घोषणा , पर्वत का नाम गिरनार पर्वत से बदलने का षड्यंत्र भाजपा सरकार द्वारा ही किया गया हे। पिछले 70 वर्षो में कभी किसी तीर्थ पर कब्जा नही हुआ ।
मोदी के विद्यासागर जी महाराज से मुलाकात पर भी उठे सवाल
दो दिन पूर्व देश के प्रधानमंत्री छत्तीसगढ़ के डूंगर गढ़ में विराजमान संत शिरोमणि आचार्य विद्यासागर जी महाराज के दर्शन हेतु पहुंचे थे । सोशल मीडिया पर आचार्य श्री से आशीर्वाद लेते हुए मोदी की वायरल तस्वीरों पर भी समाज में तीखी प्रतिक्रिया है। जिस पर बैठक में वक्ताओं ने कहा की मोदी के मुख्यमंत्री रहते गिरनार में कब्जा कराया गया , और तब से आज तक मोदी गिरनार पर चुप है। अब जबकि पूरे देश में चुनाव में निर्णायक भूमिका वाला जैन समाज आक्रोशित है और चुनाव में भाजपा को नुकसान होता दिखाई दे रहा हे , इसलिए मोदी आचार्य श्री के पास पहुंचे किंतु सवाल यही हे की आचार्य श्री से भी गिरनार के मुद्दे पर क्या बोले..? विवादित और भड़काऊ बयान देने वाले , जैन आचार्यों के खिलाफ fir दर्ज कराने वाले महेश गिरी को मोदी का संरक्षण क्यों हे.?
गोमट गिरी समझौते पर भी उठे सवाल
दो माह पूर्व आनन फानन में मात्र दो रात में गोमट गिरी का समझौता हो जाने की बात सामने आई थी । समझोता महज नौटंकी और श्रेय लेने की राजनीति ही साबित हुआ । जब समझोता हो गया था तो क्या कारण है की दो माह बाद भी हालत जस के तस हे। जो सरकार में रहकर 18 वर्षो में गोमट गिरी विवाद पर बात तक नहीं करते थे अचानक उन्हें गोमट गिरी की चिंता क्यों हुई ? और मात्र दो रात में विवाद का समाधान बता दिया गया ।
वक्ताओ ने कहा की ऐसे में समाज के सामने धर्म और संस्कृति की रक्षा का प्रश्न सर्वोपरि हे। समाज के संत आचार्य विद्या सागर जी , सुधा सागरजी , पुलक सागर जी जेसे संतो की मुखर वाणी भी इस बात की ओर इंगित कर रही हे की अपने धर्म , तीर्थ और श्रमण संस्कृति की रक्षा के लिए समाज को चिंतन कर सही फैसला लेना चाहिए ।
जीतू पटवारी के लिए मांगा समर्थन
बैठक में राऊ विधानसभा के कांग्रेस प्रत्याशी जीतू पटवारी के लिए समर्थन मांगते हुए अतिथि वक्ताओं ने कहा की तीर्थो की सुरक्षा और संतो की सुरक्षा हमेशा कांग्रेस की प्राथमिकता रही हे और जीतू पटवारी इस हेतु दृढ़ संकल्पित हे की प्रत्येक धर्म , जाती के तीर्थ की पवित्रता बनी रहे । तीर्थो और संतो की रक्षार्थ कांग्रेस की रीति नीति रही हे । पटवारी की ओर से वक्ताओं ने आश्वस्त करते हुए कहा की राजस्थान में अशोक गहलोत जी की सरकार ने जिस प्रकार जैन बोर्ड की सौगात जैन समाज को दी हे ठीक उसी तरह मध्यप्रदेश में भी जैन बोर्ड का गठन किया जाएगा ।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में समग्र जैन समाज के प्रतिनिधि उपस्थित थे।