ज्योति जैन
क्या सिर्फ मूर्खता….?
शायद नही…..!
मूर्खता कभी-कभी सृजन भी करती है..
हास्य का…प्रसन्नता का…।
तो क्यों न हम सब भी,
समाज में कभी-कभी ऐसी ही
मूर्खताओं का सृजन करें,
जो किसी को मुस्कान भी दे..
और सकारात्मकता भी।
नमन करती हूं मूर्ख दिवस पर
ऐसे सभी विदूषकों को…
जो अपने गम छिपा….
माहौल को भारमुक्त बना….
जीवन को सकारात्मक सोच के साथ
जीने की प्रेरणा देते हैं……।