भाजपा प्रत्याशी मधु वर्मा पिता-तुल्य हैं मैंने जीत के लिए उनका आशीर्वाद भी ले लिया है!-जीतू पटवारी

Deepak Meena
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● हाजिर जवाबी में जीतू का जवाब नहीं!

● बोले, भाजपा प्रत्याशी मधु वर्मा जी पिता-तुल्य हैं! मैंने जीत के लिए उनका आशीर्वाद भी ले लिया है!

● अब मैं भी अपना पुत्र-धर्म निभाऊंगा! उनसे इस उम्र में संघर्ष नहीं करवाऊंगा!

इंदौर : कांग्रेस के क़द्दावर नेता, राऊ के विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी जब भी मीडिया से मुखातिब होते हैं, खबरों और हैडलाइन का अकाल दूर हो जाता है! राऊ से ही चौथी बार कांग्रेस का प्रत्याशी बनने के बाद जब मीडिया ने पटवारी से सवाल किया कि भाजपा के अपने प्रतिद्वंदी मधु वर्मा के बारे में क्या सोचते हैं? इसके बाद सामने आए जीतू के जवाब ने सभी को हैरत में डाल दिया!

पटवारी ने मीडिया को जवाब दिया, “मैंने हजारों बार कहा है कि राऊ विधानसभा नहीं, मेरा परिवार है. इसलिए, यहां राजनीतिक प्रतिस्पर्धा जैसा कोई तर्क कम नहीं करता! भाजपा प्रत्याशी मधु वर्मा जी पिता-तुल्य हैं! मैंने जीत के लिए उनका आशीर्वाद भी ले लिया है! अब मैं भी अपना पुत्र-धर्म निभाऊंगा! उनसे इस उम्र में संघर्ष नहीं करवाऊंगा! घर बैठाऊंगा और एक बार फिर उनका आशीर्वाद लेकर अपने राऊ और मध्यप्रदेश की जी-जान से सेवा करूंगा”

प्रतिद्वंदी के लिए मन में सम्मान और विनम्रता का यह भाव, मौके पर मौजूद एक-एक व्यक्ति को गहरे आश्चर्य में डाल गया. एक ओर जहां इंदौर में ही दोनों ही दलों के कई प्रत्याशी एक-दूसरे के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं, आपत्तिजनक और असंसदीय शब्दों का प्रयोग तक हो रहा है, वहीं जीतू पटवारी ने उम्र में बड़े अपने भाजपा प्रतिद्वंदी को पूरा आदर देते हुए, सधे और सार्थक शब्दों में अपनी सेवा भावना को महत्व दिया. यह भी उल्लेखनीय है कि जब भाजपा ने मधु वर्मा को राऊ से बतौर प्रत्याशी घोषित किया था, उस समय भी मीडिया से बात करते हुए जीतू पटवारी ने ऐसी ही भावना व्यक्त की थी।

दरअसल, राऊ में सेवा, समर्पण और संस्कार की एक नई किस्म की राजनीति तेजी से विकसित हुई है। इसका श्रेय विधानसभा को अपना परिवार कहने वाले कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी को ही जाता है। राऊ से लगातार चुनाव जीत रहे, जीतू पटवारी जब जनता से मिलते हैं तो भूल जाते हैं कि वह किस दल के समर्थक या विचारधारा को मानने वाले व्यक्ति से मुलाकात कर रहे हैं!

साइकिल से अपने पूरे विधानसभा में जब-तब नजर आने वाले कांग्रेस के इस युवा चेहरे की सबसे बड़ी खासियत यह है कि अपने क्षेत्र के लिए यह 24 घंटे उपलब्ध है. अपनी छोटी-बड़ी समस्याओं के लिए पटवारी तक पहुंच बनाने वाले हजारों लोग तर्क और उदाहरण के साथ यह दावा करते देखे जा सकते हैं कि जीतू पटवारी एक अकेला ऐसा नेता है, जो चुनाव के पहले और चुनाव के बाद अपने इलाके में ज्यादा नजर आता है.

कोरोनाकाल में भी जीतू पटवारी ने दवाई, अस्पताल में बिस्तर, जान बचाने वाले इंजेक्शन से लेकर भोजन के प्रबंध में जी-जान से अपने क्षेत्र की सेवा की थी. राऊ के आसपास का बड़ा इलाका अचानक लगे लॉकडाउन की वजह से शहर से जब कट गया था, तब पटवारी के प्रयासों ने ही दैनिक जीवन की जरूरतों को गांव-गांव में पहुंचाया था.

अब जबकि कई सारे सर्वे के रिजल्ट और सरकार विरोधी माहौल को देखते हुए मध्य प्रदेश में कांग्रेस की जोरदार वापसी साफ दिखाई दे रही है, जीतू पटवारी का राऊ विधानसभा परिवार भी मतदान का नया रिकॉर्ड बनाने का बेसब्री से इंतजार कर रहा है. गांव-चौपाल से लेकर संपन्न और बड़ी टाउनशिप तक एक ही चर्चा है – *जीतेगा तो अपना जीतू ही. इस विधानसभा परिवार के सदस्यों का यह भी मानना है कि इस बार वे विधायक नहीं, एक ऐसे कद्दावर मंत्री को वोट दे रहे हैं, जो अपने विधानसभा क्षेत्र को अब मध्यप्रदेश नहीं, पूरे देश में मॉडल के रूप में डेवलप करेगा. यहां यह भी बताना जरूरी है कि जीतू पटवारी के अथक प्रयासों से आज राऊ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के विधानसभा क्षेत्र बुधनी से भी विकसित बन चुका है