वर्ल्ड अर्थराइटिस डे 2023
इंदौर, 11 अक्टूबर 2023। हर साल 12 अक्टूबर को वर्ल्ड अर्थराइटिस डे मनाया जाता है। इसका उद्देश्य अर्थराइटिस और मस्कुलोस्केलेटल रोगों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और दुनिया भर में इन रोगों से प्रभावित लोगों का सहयोग करना है। इस साल अर्थराइटिस डे की थीम ‘लिविंग विथ एन आरएमडी डिसीज एट आल स्टेजेस ऑफ़ लाइफ’ है ताकि लोगों को रूमेटिक और मस्कुलोस्केलेटल रोग (आरएमडी) रोगों के साथ जीवन के हर पढ़ाव पर सावधानी के साथ जीने के लिए प्रेरित किया जा सके। अर्थराइटिस नेशनल हेल्थ पोर्टल के अनुसार भारत में कम 29% से 39% आबादी अर्थराइटिस से प्रभावित है।
मेदांता सुपर स्पेशिलिटी हॉस्पिटल के हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ अविनाश मंडलोई के अनुसार “अर्थराइटिस एक बहुत ही आम बीमारी है जो जोड़ों को प्रभावित करती है। अर्थराइटिस के कई अलग-अलग प्रकार हैं, लेकिन सबसे सामान्य ऑस्टियोअर्थराइटिस और रूमेटोइड अर्थराइटिस है। ऑस्टियोअर्थराइटिस एक डीजनरेटिव रोग कहा जाता है जो जोड़ों के कार्टिलेज टिश्यु को नुकसान पहुंचाता है। आमतौर पर यह बीमारी बुजुर्गों को अधिक प्रभावित करता है। इस बीमारी में जोड़ों में सूजन की समस्या पैदा हो जाती है एवं हड्डियों में ज्वाइंट में कुशनिंग का काम करने वाले प्रोटेक्टिव टीशूज़ यानी कार्टिलेज का ब्रेकडाउन हो जाता है। ऑस्टियोअर्थराइटिस रीढ़ की हड्डी और घुटने जैसे ज्वाइंट को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है। जबकि रूमेटोइड अर्थराइटिस एक ऑटोइम्यून रोग है जो जोड़ों में सूजन और दर्द का कारण बनता है। यह समस्या तब होती है, जब आपका अपना ही इम्यून सिस्टम ठीक से काम नहीं करता और जोड़ों के साइनोवियम(कवर करने वाली परत) पर हमला कर देता है।”
अर्थराइटिस के उपचारों के बारे में डॉ मंडलोई ने कहा, “अर्थराइटिस के लक्षणों में जोड़ों में दर्द, सूजन, अकड़न और कमजोरी शामिल हैं। अर्थराइटिस के लक्षणों की शुरुआत में ही पहचान कर उपचार शुरू कर दिया जाए तो काफी हद तक रोग की प्रगति को धीमा करने में मदद मिल सकती है। अर्थराइटिस के दर्द से बचने के लिए नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें, इससे बॉडी फ्लैक्सिबल रहेगी और अर्थराइटिस के दर्द से आराम मिल जाएगा। वजन ज्यादा होने से दर्द बढ़ सकता है इसलिए जोड़ों पर दबाव कम करने के लिए वजन कंट्रोल करने पर ध्यान देना चाहिए। इसके अलावा अर्थराइटिस में पौष्टिक आहार काफी कारगर होता है. इसलिए खाने में फलों, सब्जियों, साबुत अनाज, कम वसा वाले एवं प्रोटीन से भरपूर भोजन को जरूर शामिल करें।”
डॉ मंडलोई आगे कहते हैं, “जल्द ही ठण्ड का मौसम आने वाला है ऐसे में जोड़ों के दर्द से छुटकारा पाने के लिए गर्म सिंकाई करें, इससे काफी हद तक राहत मिल जाती है, तनाव अर्थराइटिस के दर्द को काफी हद तक बढ़ा सकता है, इसलिए योग, ध्यान या गहरी सांस जैसी आराम पहुंचाने वाली तकनीकी का इस्तेमाल करना चाहिए। अगर आपको अर्थराइटिस हैं डॉक्टर की सलाह लें, स्वयं से मालिश और घरेलु उपचार कई बार समस्या को बढ़ा सकते हैं।”