Shanishchari Amavasya : यह पितृ पक्ष की शनि अमावस्या शनिदेव को समर्पित की जाती है। आपको बता दें कि इस बार यह अमावस्या 14 अक्टूबर दिन शनिवार को आने वाली है। इस दिन पितृ पक्ष का सबसे अंतिम श्राद्ध है। इस बार सर्वपितृ अमावस्या शनिवार होने की वजह से इसे शनिश्चरी अमावस्या के नाम से भी जाना जाएगा। इस दिन पितरों के निर्मित श्राद्ध कर्म, तर्पण और पिंडदान आदि कार्य किए जाते है इससे पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
पितृ पक्ष की अमावस्या को सर्वपितृ अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन शनिदेव की आराधना करने से शनिदेव की असीम कृपा हमारे ऊपर सदैव बनी रहती है और दुख-दर्द और कष्टों से मुक्ति मिलती है। वहीं शनिदेव के मंत्रों का जाप करने से घर में सुख-समृद्धि और खुशहाली का आगमन है। साथ ही विशेष फल की प्राप्ति होती है।
सर्वपितृ अमावस्या के दिन किए गए उपायों की वजह से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है। अगर आप भी शनि देव की विशेष कृपा पाना चाहते हैं तो शनिश्चरी अमावस्या के दिन शनि स्त्रोत का पाठ जरूर करें और शनि मंत्र का जाप करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है और शनिदेव का आशीर्वाद प्राप्त होता है।