Sarva Pitru Amavasya Ke Maha Upay: सनातन धर्म के अनुसार जितना महत्व 10 दिवसीय गणेशोत्सव और 9 दिवसीय नवरात्रों को दिया जाता हैं। उसी प्रकार हमारे घर की बुनियाद अर्थात हमारे पूर्वजों को मनाने के लिए भी 16, श्राद्ध का संचालन किया गया हैं। इसमें हम हमारे नाराज और रूठे पूर्वजों को पूरी तरह से श्रद्धा के साथ मनाने का प्रयास करते हैं। पूर्वजों की नाराजगी महज एक परिवार पर ही नहीं अपितु पीढ़ी दर पीढ़ी तक पहुंचाती है। वहीं परिवार में मतभेद, आपसी तनाव, लड़ाई झगड़े और वाद विवाद होते रहते हैं।
इसके साथ ही धन का नुकसान समेत कई गंभीर रोग आपका पीछा नहीं छोड़ते हैं। पुरातन लोग तो यह तक कहते हैं कि रूठे पितृ आपकी वंशवृद्धि तक पर रोक लगा देते हैं। लड़का लड़की वृद्ध होने लगते हैं, लेकिन उनकी शादी ब्याह नहीं होती हैं। वहीं पितृ खुश हों तो वंशज की 7 पीढ़ियां भवसागर पार हो जाती हैं। मनुष्य के घर में सदैव हंसी खुशी का माहोल बना रहता है, धन का अभाव भी देखने को मिलता है। इसलिए इस दिन पितरों का आशीष पाने के लिए श्राद्ध पक्ष में श्राद्ध , तर्पण आदि अवश्य ही करने चाहिए। इसके अतिरिक्त पितृ दोष से निजात के उपाय कर लेने चाहिए यदि आपकी लाइफ में भी परेशानियां, संकट और बुरा हाल बना रहता है तो इस सर्व पितृ अमावस्या के दिवस पर काले तिल के उपाय कर लें।
…इसलिए काफी स्पेशल है ये अमावस्या
इस वर्ष 14 अक्टूबर 2023, शनिवार को सर्व पितृ अमावस्या है। इस दिन शनिवार होने से पितृ दोष से निजात मिलनेके विद का एक बेहद शुभ संयोग बन रहा है। शनिवार को पितृ अमावस्या के दिन तिल के कुछ उपाय करने से आपके जीवन की कई परेशानियां कोसों दूर हो सकती हैं।
पितृ अमावस्या के उपाय
- वैसे तो आप यह उपाय हर अमावस्या पर किए सकते हैं लेकिन श्राद्धपक्ष की अमावस्या पर ये खास उपाय करने से अधिक से अधिक फल मिलता है। इसके लिए अमावस्या या सर्व पितृ अमावस्या तिथि के दिन काले तिल को जल में डालकर पूर्वजों का नाम लेते हुए पिंडदान करें। इससे पितृ दोष से निजात मिलता हैं।
- इसके अतिरिक्त सर्व पितृ अमावस्या की तिथि वाले दिन यानी शनिवार के दिन जल में काले तिल डालकर भगवान सूर्य नारायण को जल देने से पितरों को मानसिक राहत मिलती है। साथ ही शनि की ढैय्या के दोषों से निजात मिलती है।
- सर्व पितृ अमावस्या तिथि वाले दिन शनिवार भी हैं। इस तिथि पर तिल का दान कर्म करने से पूर्वज गण की रूष्टता समाप्त होती है और वे अपना परम आशीष हमें देख विदा हुई देते हैं।