नई दिल्ली: कनाडा और भारत के बीच संबंधों में तनाव उभर रहा है, जब कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंसियों के हाथों होने का आरोप लगाया था। भारत सरकार ने इस आरोप का खंडन किया है और इसके परिणामस्वरूप कनाडियन नागरिकों को वीजा न देने का फैसला लिया है।
खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ भारत का आरोप
भारत ने कहा है कि कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों की वृद्धि दर्ज की जा रही है, और इसके परिणामस्वरूप खालिस्तान समर्थकों को सरकार का समर्थन प्राप्त है। ट्रूडो सरकार को इस बारे में जानकारी देने के बावजूद, तनाव कम नहीं हुआ है।
ट्रूडो सरकार की खालिस्तान समर्थन का पिछला इतिहास
ट्रूडो सरकार के कार्यकाल में, कनाडा के सुरक्षा और इंटेलिजेंस सलाहकार (NSIA) ने खालिस्तानी आतंकवादियों और संगठनों को खतरे के रूप में देखा और इस पर नजर रखी थी। यह सबकुछ ट्रूडो के भारत दौरे से पहले हुआ था।
कनाडा के नए प्रधानमंत्री और उनके संबंध संगठनों से
2021 में हुए कनाडा के चुनाव में जगमीत सिंह की पार्टी का समर्थन जीतने के बाद, तनाव बढ़ गया है। सिंह को कनाडा में प्रो-खालिस्तानी नेता माना जाता है, और इसके साथ ही भारत के साथ तनाव बढ़ा है।
इस तनावपूर्ण संबंध की पूर्ण जानकारी के आधार पर, यह दिखता है कि कनाडा और भारत के बीच की व्यापक राजनीतिक संबंधों में बदलाव आया है। इसके साथ ही, खालिस्तान समर्थन के मामले में जांच की मांग भी उठ रही है।