इंदौर। स्मार्ट सिटी इंदौर के साथ ही उज्जैन, देवास, रतलाम, पीथमपुर, धार आदि क्षेत्रों में आत्म निर्भर भारत की भावना के साथ ही अपनी छत, अपनी बिजली का नारा बुलंद किया गया है। बिजली कंपनी के कार्यक्षेत्र में लगभग 1720 घरों, संस्था परिसरों, दफ्तरों, फैक्ट्री आदि की छतों से बिजली तैयार की जा रही है। वर्षभर में लगभग 15करोड़ रूपए बाजार कीमत की बिजली छतों पर पैनल्स लगाकर तैयार की जा रही है।
मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी इंदौर के प्रबंध निदेशक अमित तोमर ने बताया कि मालवा और निमाड़ में सभी 15 जिलों में नेट मीटरिंग रूफ टाप एनर्जी यानि स्वयं की छत पर पैनल्स लगाकर बिजली तैयार की जा रही है। सबसे ज्यादा 1060 स्थान इंदौर शहर के हैं, जहां से बिजली तैयार की जा रही है। इसके बाद उज्जैन के 250, इंदौर ग्रामीण के 95, रतलाम के 77, बड़वानी के 50, खरगोन 45, धार 34, देवास 33, नीमच 33, खंडवा जिले में 27 स्थानों पर छतों पर पैनल्स के माध्यम से बिजली तैयार की जा रही है। प्रबंध निदेशक श्री तोमर ने बताया कि इन परिसरों में बिजली कनेक्शन सामान्य रूप से होता है, छत से जितनी बिजली तैयार होती है, वह बिजली की लाइन में प्रवाहित हो जाता है। जितनी बिजली घर, या परिसर पर उपयोग की जाती है, दोनों के अंतर का बिल जारी होता है। मालवा और निमाड़ में करीब 30 परिसर ऐसे है, जहां उपयोग से ज्यादा बिजली तैयार हो रही है। इन्हें बिल क्रेडिट के दिए जाते है।
वर्ष अंत तक 50 मैगावाट क्षमता
अभी मालवा और निमाड़ में 36 मैगावाट क्षमता के नेट मीटरिंग संयंत्र यानि छतों पर बिजली तैयार की जा रही है। इस वर्ष के अंत तक कुल 50 मैगावाट क्षमता का लक्ष्य लिया गया है। कंपनी भारत शासन के सहयोग से नेट मीटरिंग की क्षमता 15 मैगावाट बढ़ा रहे है। इच्छुक उपभोक्ताओं को 40 फीसदी तक की सब्सिडी संयंत्र लगाने के लिए दी जाएगी।