स्टेट प्रेस क्लब मध्यप्रदेश में मूकबधिर बच्चियों के हाथों हुई गणेशजी की स्थापना

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इंदौर। स्टेट प्रेस क्लब मध्यप्रदेश में विघ्नहर्ता गणेशजी महाराज की स्थापना आदिवासी समाज की मूकबधिर बच्चियों के हाथों से हुई। अभिनव कला समाज सभागार में आयोजित स्थापना समारोह में आनंद सर्विस सोसायटी की बीस बच्चियों ने गणेशजी की आकर्षक वीणावादन वाली मूर्ति की स्थापना की। बच्चियों ने साइनलिपि के माध्यम से गणेशजी और कृष्णजी की आरती प्रस्तुत की। आरती की अतिथि बनी ये बच्चियां- सीमा औसारी, गरीमा वास्केल, शीतल सस्तीया, सोनाक्षी मकवाना, भूरी मुजाल्दा, अनिता अजनारे, सीमा औसारी, आशा सिंगार, चिन्ता मेड़ा, काजल पाल, सुगना वास्केल, सुनिता सिंगार, बायला औसारी, पायल-मिथलेश इटावा, शिवानी सिंह एवं सुनिता मुवेल शिक्षिका, गोलू अलाव सहायक।

आनंद सर्विस सोसायटी के संस्थापक ज्ञानेन्द्र पुरोहित ने बताया कि सोसायटी के बरदरी रोड, अरविंदो के पीछे सेंटर में 80 बालिकाएं और विजयनगर स्थित सेंटर में 25 बालक रहते और शिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। प्रसन्नता की बात है कि सभी बालिकाएं शा.मा.वि. लिम्बोदागारी, शा.उ.मा.वि. गांधी नगर एवं बालक राजाराम सेनानी स्कूल, कृष्णबाग कॉलोनी में आम बच्चों के साथ शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इन बच्चों के पढ़ाने के लिए विद्यालयों के कुछ शिक्षकों ने साइनलिपि का प्रशिक्षण भी प्राप्त किया। तत्कालीन कलेक्टर डॉ. राजेश राजौरा ने मूकबधिर बच्चों को आम बच्चों के साथ पढ़ाने के लिए प्रेरित किया था। ये हर्ष का विषय है एक मूकबधिर बालिका ने आम बच्चों के साथ परीक्षा देकर प्राविण्य सूची में स्थान प्राप्त किया।

पुरोहित ने बताया कि उनके सेंटर में अधिकांश बालक-बालिकाएं आदिवासी समाज के हैं। ग्रामीण परिवेश में गर्भवती महिलाओं के कुपोषण की वजह से अधिक संख्या में मूकबधिर बच्चे जन्म लेते हैं। उनकी संस्था सरकारी स्कूलों और आंगनवाड़ी के माध्यम से मूकबधिर बच्चों को तलाशकर शिक्षण और बेहतर परवरिश के लिए इंदौर ले आती है। अनुमान के मुताबिक इंदौर जिले में 10-12 हजार और संभाग में करीब एक लाख मूकबधिर और दिव्यांग बच्चे हैं। संस्था का मानना है कि जागरूकता के अभाव में अभी भी नब्बे प्रतिशत मूकबधिर बच्चे उपेक्षित जीवन जी रहे हैं। शिक्षा प्राप्त करने से मूकबधिर बच्चे न केवल अपनी बात बताना सिख जाते हैं, बल्कि आम बच्चों की तरह कामकाज भी करने लग जाते हैं। प्रारंभ में स्टेट प्रेस क्लब मध्यप्रदेश अध्यक्ष प्रवीण कुमार खारीवाल, मुख्य महासचिव नवनीत शुक्ला, संरक्षक रचना जौहरी, रवि चावला, अभिषेक सिसौदिया, बंसीलाल लालवानी, सुदेश गुप्ता एवं प्रवीण धनोतिया ने मूकबधिर बच्चियों का स्वागत किया। इस अवसर पर अभिनव कला समाज के संयुक्त प्रधानमंत्री पं. सुनील मसूरकर एवं सत्यकाम विशेष रूप से उपस्थित थे।

मूकबधिरों की जांच के लिए संभाग में सिर्फ एक मशीन

मूकबधिर होने की प्रमाणिक जांच इंदौर के शासकीय एमवाय हास्पिटल में होती है। आधुनिक मशीन के माध्यम से बेरा टेस्ट किया जाता है। इस टेस्ट से साफ हो जाता है कि कितने प्रतिशत मूकबधिरता है। जांच के उपरांत मूकबधिर होने का प्रमाण पत्र दिया जाता है। इस प्रमाण पत्र के आधार पर बच्चों को शासकीय अनुदान मिलता है। आनंद सर्विस सोसायटी के संस्थापक ज्ञानेन्द्र पुरोहित ने बताया कि पूरे संभाग में सिर्फ एक मशीन होने की वजह से मूकबधिर बच्चों की जांच में दिक्कत आती है और दूर अंचल से आने वाले बच्चे और परिजन परेशान होते हैं। उन्होंने मांग की कि संभाग के प्रत्येक जिला अस्पताल में बेरा टेस्ट की मशीन और ईएनटी डॉक्टर की सुविधा होना चाहिए। सोसायटी ने प्रदेश के मुख्यमंत्री और स्कूल शिक्षा मंत्री से मांग की है कि कोविड काल के बाद से बंद अनुदान आरंभ किया जाए। अनुदान के अभाव में मूकबधिर बच्चों के लालन-पालन और शिक्षा में बाधा आ रही है।