Ganesh Chaturthi 2023: सावन मास के खत्म होते ही हैं। भादों अर्थात भाद्रपद मास लेकर आया हैं त्यौहारों की बौछार। दरअसल सावन मास खत्म हुए अभी कुछ ही दिन हुए कि पुनः उत्सवों के आगाज का समय नजदीक आ गया जिसमें हमने अगस्त माह की कृष्ण पक्ष तिथि में सर्व प्रथम हल छठ, कृष्ण जन्माष्टमी बड़े ही धूमधाम से मनाई। फिर इसके बाद बारी आएगी हरतालिका तीज की जिसके बाद पूरे देश समेत हिन्दुओं के सबसे बड़े और पवित्र त्यौहार यानी की गणेश जन्मोस्तव।
दरअसल सब देशवासियों को जन्माष्टमी के जाने के बाद गणेश चतुर्थी का बड़ी ही बेताबी के साथ इन्तजार है। ऐसा इसलिए क्योंकि हिंदू धर्म में भगवान गणेश को प्रथम पूजनीय देव का स्थान प्राप्त अर्थात वो प्रथम पूज्य श्री गणेश कहलाते हैं। हमारे मनुष्य जीवन में हर एक कार्य पहला न्यौता भगवान गजानन को ही दिया जाता हैं। चाहे शादी ब्याह हो, मुंडन हो या जमाल हो किसी भी प्रकार के कार्यों के प्रारम्भ हेतु पहला आमंत्रण रिद्धि सिद्धि के डाटा श्री गणेश को ही दिया जाता है। ऐसे में हर देशवासी को गणेश चतुर्थी का बड़े चाव से इन्तजार रहता हैं।
साथ ही भगवान गणेश अपने आगमन के साथ साथ देवी रिद्धि सिद्धि, शुभ लाभ गणेश, सुख समृद्धि, खुशहाली लेकर प्रस्थान करते हैं। सह ही अपने भक्त की हर मनोकामना को पल में पूर्ण करके उसे सफलता प्रदान करते हैं। वहीं आपको बता दें कि भगवान श्री गणेश का अवतरण भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि को हुआ था। वहीं इस बार ये तिथि का आगाज 19 सितंबर को होगा। ऐसे में 19 सितंबर से ही गणेश उत्सव प्रारंभ होगा जो आने वाले 10 दिनों तक पूरी श्रद्धा और सच्चे ह्रदय के साथ मनाया जाएगा और 11वें दिन अर्थात एकादशी तिथि के दिन बप्पा का विसर्जन कर दिया जाएगा।
हिंदी पंचांग के मुताबिक भादव मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट पर प्रारम्भ हो रही है जो 19 सितंबर को रात्रि 8 बजकर मिनट तक रहेगी। ऐसे में उदयातिथि के मुताबिक गणेश चतुर्थी का पर्व 19 सितंबर को मनाया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त प्रातकाल 11.01 बजे से प्रारंभ होकर दोपहर 01.28 मिनट तक रहेगा। यानी पूजा का शुभ और सही मुहूर्त केवल 2 घंटे 27 मिनट का ही है.
वहीं आगे बात करते हैं कि इस बीच प्रथम पूजनीय देव श्री गणेश को भोग में किन चीजों का भोग लगाने से कौनसे फलों की प्राप्ति होती हैं। कहा जाता हैं कि भगवान श्री गणेश को उनकी सबसे पसंदीदा चीजों का भोग लगाना काफी ज्यादा उचित माना गया हैं। इससे बप्पा शीघ्र अतिशीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और जातकों पर अपनी विशेष कृपा बरसाते हैं। गणेश जन्मोत्सव के दरमियान 10 दिन 10 भिन्न-भिन्न प्रकार का भोग लगाए।
चलिए जानते हैं 10 के महत्वपूर्ण प्रसाद कौनसे हैं।
- जैसा की सभी जानते हैं कि भगवान श्री गणेश को मोदक का प्रसाद सबसे अधिक प्रिय हैं। ऐसे में गणेश जन्मोत्सव के प्रथम दिन उन्हें मोदक का प्रसाद अवश्य ही चढ़ाए।
- वहीं बप्पा की प्रिय भोग की सूची में मोतीचूर के लड्डू का नाम भी शुमार है। ऐसे में दूसरे दिन भगवान गणेश को इसका प्रसाद चढ़ाए।
- गणेश जन्मोत्सव के तृतीय दिन बेसन से बने भोग या बेसन के लड्डू का प्रसाद चढ़ाना काफी शुभ माना जाता है।
- भगवान गजानन को केला भी अत्यंत ही प्रिय है। ऐसे में गणेश उत्सव के चतुर्थ दिवस पर आप उन्हें केले का भोग लगाएं।
- गणेश जन्मोत्सव के पंचम दिन उन्हें मखाने की खीर का प्रसाद जरूर चढ़ाएं।
- गणेश जन्मोत्सव के षष्ठी दिवस पर भगवान श्री गणेश को नारियल का प्रसाद चढ़ाएं।
- गणेश जन्मोत्सव के सप्तमी दिवस पर भगवान श्री गणेश को मेवे के लड्डू का प्रसाद चढ़ाएं।
- गणेश जन्मोत्सव के अष्टम दिवस पर दूध से बने कलाकंध का प्रसाद जरूर चढ़ाएं।
- इसके अतिरिक्त श्रीखंड भी भगवान गजानन को अत्यंत ही प्रिय है। ऐसे में नवमी वाले दिन श्रीखंड का प्रसाद चढ़ाएं।
- अब बात करते हैं दशम दिन पर भगवान गणेश को मोदक का प्रसाद चढ़ाएं। जिससे खुश होकर बप्पा आपके जीवन में खुशियों को बौछार क्र दें और आपके घर के सारे विघ्नों को हर लें। साथ ही अब बप्पा को विदाई देने का समय भी नजदीक आ जाता हैं, और सब नम आँखों से बप्पा को विदा कर देते हैं।