कल रखा जाएगा हल षष्ठी व्रत, जानें पूजा शुभ मुहूर्त और सही पूजन विधि, इन चीजों के सेवन से करें परहेज

Simran Vaidya
Published on:

Hal Shashthi vrat: हिंदू सनातन धर्म में भाद्रपद मास को बेहद ज्यादा पावन, पवित्र और आवश्यक माना गया है। इस महीने में पूर्णतया भगवान श्री हरि विष्णु को समर्पित किया गया है। साथ ही ऐसी मान्यता है कि जो भी इस बीच अपने पवित्र हृदय के साथ भगवान विष्णु की पूजा सेवा आराधना और भक्ति करता है, उसे समस्त दुखों से और कष्ट से मुक्ति मिलती है और समस्त मनोरथ भी पूर्ण होते है। इसके अतिरिक्त जन्माष्टमी से लेकर गणेश चतुर्थी तक कई बड़े फेस्टिवल भी इसी माह में आते हैं। इनमें हल षष्ठी भी शामिल है जो श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम की जयंती के रूप में मनाई जाती है। हल षष्ठी हर वर्ष भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की षष्ठी तिथि को मनाई जाती है। इस वर्ष ये तिथि कल यानी 5 सितंबर को पड़ेगी। हिंदू धर्म में हल षष्ठी उपवास काफी महत्वपूर्ण बताया गया है जिससे संतान की आयु में वृद्धि होती है और साथ ही इसे बच्चों की खुशहाली के लिए रखा जाता है।

आइए जानते हैं क्या है हल षष्ठी का शुभ मुहूर्त

भाद्रपद के कृष्ण पक्ष की छठी तिथि का आगाज 4 सितंबर 2023 को संध्याकाल 04.42 बजे होगी और 5 सितंबर दोपहर 03.45 बजे इसका समापन होगा। ऐसे में सूर्योदय के अनुसार हल षष्ठी का उपवास 5 सितंबर को रखा जाएगा। साथ ही ऐसी हिंदू मान्यता है कि इस व्रत को रखने से जातक के संतान की उम्र दीर्घायु होती है और हर इच्छा पूर्ण होती है। इस दिन बलराम जी के संग भगवान विष्णु और शिव परिवार की भी विशेष पूजा का विधान बताया गया है।

क्या है पूजा विधि?

जानिए व्रत की सही और उचित पूजा विधि। दरअसल हल षष्ठी की पूजा के लिए आटे से एक चौक बना कर तैयार किया जाता हैं। जिसे आसन कहते हैं। . इसके बाद इसमें झरबेरी, पलाश की टहनी और कांस की डाल बांधकर दबा दी जाती है। इसके बाद षष्ठी देवी की पूजा की जाती है और उनकी आराधना में चना, गेंहू, जौ, धान, अरहर, मूंग, मक्का और महुआ का उपयोग किया जाता है। धार्मिक शास्त्रों के मुताबिक इस दिन खेती में प्रयोग होने वाले उपकरणों की भी पूजा की जाती है।

अब जानिए किन चीजों का ज्ञान होना आवश्यक हैं। हल षष्ठी व्रत के दिन कुछ बातों का विशेष ध्यान रखें। इस दिन अनाज और फल नहीं खाया जाता और ना ही इस दिन गाय के दुग्ध और दही का सेवन करना चाहिए। इस दिन चाहें तो केवल भैंस का दूध और उससे बने दही का सेवन कर सकते हैं।