‘हेल्दी टीचर, हेल्दी फ्यूचर’ कार्यक्रम में हुआ बड़ा खुलासा, इंदौर के 82 फीसदी टीचर्स को सेहत से जुड़ी समस्याएं

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यूं तो टीचर्स डे के दिन शिक्षकों के सम्मान में कई कार्यक्रम होते हैं लेकिन इंदौर के सांसद शंकर लालवानी ने अनूठा ‘हेल्दी टीचर, हेल्दी फ्यूचर’ कार्यक्रम शुरू किया है। सांसद लालवानी ने शिक्षकों को लाइफस्टाइल संबंधित बीमारियों से बचाने के लिए 4,000 से ज्यादा टीचर्स के प्रीवेंटिव हेल्थकेयर टेस्ट करवाए हैं। सम्भवतः शिक्षकों के स्वास्थ्य से सम्बंधित अपनी तरह की देश में पहली स्टडी है।

Techers Camp (1)

साथ ही, शिक्षक दिवस पर 10 अस्पतालों के डॉक्टर उन्हें मुफ्त कंसल्टेशन भी देंगे।

‘हेल्थ ऑफ इंदौर अभियान के तहत शिक्षकों के ब्लड टेस्ट किए गए हैं जिसमें 12 से ज्यादा पैमानों पर उनकी सेहत जांची गई है। सांसद शंकर लालवानी की पहल पर सांसद सेवा संकल्प के अंतर्गत सेंट्रल लैब, आईएमए और जिला रेड क्रॉस सोसाइटी ने मिलकर कुल 1.50 लाख से ज्यादा टेस्ट किए हैं।

सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि शिक्षक देश का भविष्य गढ़ते हैं लेकिन वे स्वास्थ्य के प्रति सचेत नहीं रह पाते इसलिए ‘हेल्थ ऑफ इंदौर’ अभियान के अंतर्गत शिक्षकों के लिए ‘हेल्दी टीचर, हेल्दी फ्यूचर’ कार्यक्रम चलाया गया और 4,000 से ज़्यादा सरकारी एवं निजी स्कूलों के टीचर्स के टेस्ट किए गए है और इसके नतीजे चिंता बढ़ाने वाले हैं।

सेंट्रल लैब की फाउंडर डॉ विनीता कोठारी ने बताया कि माननीय सांसद शंकर लालवानी ने हेल्थ ऑफ इंदौर अभियान के अंतर्गत शिक्षकों को लाइफस्टाइल बीमारियों से बचाने के लिए ये विशेष प्रोग्राम चलाने के लिए कहा था और इसके नतीजे चौंकाने वाले हैं। टीचर्स की सेहत के बारे में अपनी तरह की देश कि यह पहली स्टडी है और इसमें से ज्यादातर शिक्षक संभावित बीमारियों के खतरे से अनजान पाए गए और यह बेहद चिंता की बात है।

‘हेल्दी टीचर, हेल्दी फ्यूचर’ प्रोग्राम में शिक्षकों जे निम्न पैमानों पर टेस्ट किए गए हैं और उसके नतीजे इस प्रकार रहे हैं –

– 11.18% प्री डायबिटिक या डायबिटिक स्टेज पर है और इसमें से करीब 9.43% शिक्षकों को इसके बारे में जानकारी नहीं थी
– करीब 16% शिक्षकों का कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ था और 14.49% शिक्षक इसके बारे में अनभिज्ञ थे।
– 82% से ज्यादा शिक्षकों में विटामिन डी की और करीब 30% शिक्षकों में विटामिन बी12 कब मिला और और विटामिन की कमी के बारे में कोई जानकारी नहीं थी।
– इसी तरह करीब 1.5% शिक्षकों में क्रिएटिनिन की गड़बड़ी पाई गई वहीं करीब 7% टीचर्स लीवर की खराबी का शिकार हो सकते हैं।
– 14% से ज्यादा टीचर्स में टीएसएच का लेवल गड़बड़ पाया गया यानी वे थायराइड के मरीज हो सकते हैं। साथ ही, इनमें से 13% टीचर्स को थायराइड गड़बड़ होने की जानकारी नहीं थी।
– इसके अलावा करीब 60% टीचर्स का बीएमआई लेवल और सामान्य पाया गया और 36% से ज्यादा टीचर्स का ब्लड प्रेशर का असामान्य था।

सांसद शंकर लालवानी ने कहा कि शिक्षक आने वाले कल का निर्माण करते हैं और वह अगर स्वस्थ नहीं रहेंगे, सेहत के प्रति जागरूक नहीं रहेंगे तो बच्चों में भी अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता नहीं आएगी। इसलिए टीचर्स का स्वस्थ रहना बेहद जरूरी है और ‘हेल्दी टीचर, हेल्दी फ्यूचर’ कार्यक्रम का मूल उद्देश्य यही है।

इससे पहले 18 अप्रैल 2023 को कलेक्टर कार्यालय में शासकीय एवं निजी स्कूलों तथा कॉलेज के प्रतिनिधियों की एक बड़ी बैठक हुई थी जहां टीचर्स के प्रीवेंटिव हेल्थ केयर सर्वे पर चर्चा की गई थी और तभी से यह कार्यक्रम शुरू हुआ था।

‘हेल्दी टीचर, हेल्दी फ्यूचर’ कार्यक्रम मैं 82% टीचर्स का विटामिन डी लेवल असामान्य पाया गया था जिन्हें टीचर्स डे के दिन विटामिन डी का डोज़ निशुल्क दिया जाएगा।