नई दिल्ली : भारत के अलावा अन्य कई देशों में कोरोना का संक्रमण फिर बढ़ता दिखाई दे रहा है. हर देश कोरोना का कहर बढ़ने से रोकने के लिए मुमकिन कोशिश कर रहा है. वहीं कोरोना के डर के बीच संयुक्त राष्ट्र (United Nations) की ओर से कहा गया है कि कोरोना वायरस जल्द ही मौसमी बीमारी का रूप ले सकता है.
चीन में सबसे पहले कोरोना का केस मिलने के बाद आज तक वैज्ञानिक इस बीमारी के रहस्य को सुलझा नहीं पाए हैं. बता दें कि कोरोना संक्रमण से दुनियाभर में करीब 2.7 मिलियन लोगों की मौत हो चुकी है. कोरोना वायरस को लेकर हाल ही में वैज्ञानिकों द्वारा एक अध्ययन किया गया. इस अध्ययन में वायु गुणवत्ता का अध्ययन किया और उनमें होने वाले प्रभावों को जानकारी जुटाने की कोशिश की गई.
इस अध्ययन में सामने आया कि कोरोना वायरस अब मौसमी बिमारी की तरह अगले कुछ सालों तक इसी तरह से जीवित रहेगा। संयुक्त राष्ट्र के ‘विश्व मौसम संगठन’ द्वारा गठित टीम ने बताया कि “सांस संबंधी संक्रमण अक्सर मौसमी होते हैं. कोरोना वायरस भी मौसम और तापमान के मुताबिक अपना असर दिखाएगा. वैज्ञानिकों की टीम ने कहा कि अभी तक कोरेाना वायरस को काबू करने के लिए जिस तरह के प्रयास किए गए हैं उस पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है. अगर ये कई सालों तक इसी तरह से कायम रह जाता है तो कोविड-19 एक मजबूत मौसमी बीमारी बनकर भरेगा.”