मध्य प्रदेश की राजनीति में जिस वायरल पत्र ने घमासान मचाया है उस पत्र को लिखने वाले ज्ञानेंद्र अवस्थी अब तक पुलिस की पहुंच से दूर है। ना तो कोई सबूत मिल पाया है ना ही ज्ञानेंद्र अवस्थी कहां है इसकी भी कोई जानकारी नहीं मिल पाई है। इतना ही नहीं इस मामले में भोपाल क्राइम ब्रांच जांच में जुटी हुई लेकिन अब तक कोई विशेष सबूत हाथ नहीं लग पाए हैं।
वहीं इस मामले को लेकर क्राइम ब्रांच की पुलिस उपायुक्त श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने बताया कि जिन धाराओं में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी समेत जिन कांग्रेस नेताओं पर एफआइआर दर्ज की है, उन सभी में सजा सात साल से कम की है, इसलिए उनकी सामान्य गिरफ्तारी नहीं होगी। एक नोटिस दिया जाएगा।
उसके बाद कोर्ट में कार्रवाई पूरी की जाएगी। आगे की कार्रवाई के लिए वरिष्ठ अधिकारियों से चर्चा की जा रही है। उसके बाद तय करेंगे कि उनको नोटिस देना है या सूचना देकर बुलाया जाना है। इस पूरे मामले की बात की जाए तो शनिवार को अधिकारियों ने ठेकेदारों से 50 % कमिशन मांगने का पत्र इंटरनेट मीडिया पर वायरल हुआ था। जिसे पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ, पूर्व केंद्रीय मंत्री जयराम रमेश व अरुण यादव, कांग्रेस नेत्री शोभा ओझा ने ट्वीट कर साझा किया था, जिस पर आपत्ति लेते हो तुम्हें भाजपा के लोगों ने प्रदेश में लगभग 41 f.i.r. दर्ज करवाई है और कहा कि इससे उनकी छवि धूमिल हुई हैं।