Somvati Amavasya: भगवान शंकर और माता पार्वती को पूरी तरह से समर्पित सावन का महीना बेहद शुभ और ख़ास माना जाता हैं। वहीं सावन का आज दूसरा सोमवार है। सावन का महीना शिव भक्तों के लिए ये बेहद खास माना जाता है। इस दिन भगवान शंकर को खुश करना सबसे सरल माना जाता है। सावन के सोमवार को उनकी विशेष पूजा की जाती है। सावन के दूसरे सोमवार को यानी आज बेहद शुभ संयोग बन रहा है। आज हरियाली अमावस्या और सोमवती अमावस्या भी पड़ रही है। जिसके चलते इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया है। इसके अतिरिक्त आज ग्रहों के राजा सूर्य राशि भ्रमण करते हुए मिथुन राशि से कर्क राशि में गोचर करने वाले हैं।
सनातन धर्म में अमावस्या का बेहद ख़ास महत्व होता है। अमावस्या, मतलब वो रात्रि जब चांद पूरी तरीके से बादलों के बीच छिप जाता है। सोमवार के दिन पड़ने वाली अमावस्या सोमवती अमावस्या के नाम से जानी जाती है। कल पड़ने वाली अमावस्या को हरियाली अमावस्या या सोमवती अमावस्या भी कहते हैं। वहीं भगवान शंकर को समर्पित श्रावण माह के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को सोमवती अमावस्या का उपवास रखा जाएगा। इस वर्ष सोमवती अमावस्या 17 जुलाई को पड़ रही है। साथ ही ऐसी हिंदू मान्यता है कि जो भी जातक इस दिन पवित्र ह्रदय से भगवान शंकर की उपासना करता है। उस पर उनकी विशेष कृपा बनी रहती है।
श्रावण माह में पड़ने वाली अमावस्या का बेहद ख़ास महत्व होता है। इस दिन देवों के देव महादेव की विशेष पूजा अर्चना की जाती है। हिंदू धार्मिक मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु इस दिन सच्चे ह्रदय से देवों के देव महादेव की आराधना करता है। उसकी समस्त मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं। श्रावण माह में पड़ने के कारण इस अमावस्या को श्रावणी अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन भगवान शंकर और जगत जननी माता पार्वती की विशेष पूजा करनी चाहिए और जरूरतमंदों को श्रद्धानुसार दान दक्षिणा अवश्य ही देना चाहिए। इस वर्ष हरियाली अमावस्या 16 जुलाई को रात 10.08 पर प्रारंभ होगी और 17 जुलाई को प्रातकाल 12.01 मिनट पर समाप्त होगी।
हरियाली अमावस्या के दिन वृक्ष लगाने का भी अलग महत्व होता है। ऐसी हिन्दू मान्यता है कि इस दिन अधिक से अधिक वृक्ष लगाने से हर मनोरथ पूर्ण होते है और भगवान शिव का असीम आशीर्वाद जातकों को मिलता है। कुछ वृक्ष ऐसे होते हैं, जिन्हें लगाना बेहद ज्यादा शुभ माना जाता है जबकि कई वृक्षों को लगाना अशुभ माना जाता है। आज हम आपको ऐसे ही कुछ वृक्षों के विषय में बताने वाले हैं। सबसे पहले हम आपको बताते हैं उन पेड़ों के बारे में जो हरियाली अमावस्या के दिन जरूर लगाने चाहिए।
हरियाली अमावस्या के दिन दान-स्नान का शुभ मुहूर्त
हरियाली अमावस्या पर दान स्नान के दो शुभ बेहद ही मुहूर्त है। प्रथम मुहूर्त सुबह 5.34 से सुबह 7.17 तक और दूसरा मुहूर्त सुबह 9.01 से सुबह 10.44 तक है।
हरियाली अमावस्या की पूजन विधि
- हरियाली अमावस्या के दिन सही विधि से पूजा करने से जातक की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है और समस्त कष्टों से निजात मिलती है।
- जातक को चाहिए की वह प्रातःकाल ब्रम्ह मुहूर्त में उठकर स्नान आदि से निवृत होकर साफ स्वच्छ वस्त्र धारण करें। इसके पश्चात पवित्र गंगाजल से पूरे घर आंगन को शुद्ध करें।
- फिर इन सब कामों से निवृत होने के बाद एक चौकी या आसन पर लाल या पीले रंग का वस्त्र बिछाएं और भगवान शिव एवं माता पार्वती की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें।
- फिर इसके बाद शिवलिंग का अभिषेक कर बेल पत्र भगवान शिव को अर्पित करें उनकी विधिवत पूजा करें।
- इसके बाद देवों के देव महादेव एवं जगत जननी माता पार्वती की साथ में पूजा करने के बाद चालीसा का पाठ करें और शिव मंत्र का जप भी अवश्य ही करें।