Mahakal Temple: 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक बाबा महाकाल जो कि मध्य प्रदेश की उज्जैन नगरी में शिप्रा के किनारे विराजमान है। बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए रोज हजारों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन नगरी पहुंचते हैं। ऐसे में सावन का महीना चल रहा है, जिसमें बाबा महाकाल की शाही सवारी करते एक सोमवार को निकाली जाती है।
इस दौरान बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकलते हैं। बाबा महाकाल की शाही सवारी को देखने के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालु सोमवार के दिन उज्जैन पहुंचते हैं। ऐसे में बाबा महाकाल की दूसरी शाही सवारी 17 जुलाई को निकाली जाएगी। प्रत्येक शाही सवारी में बाबा महाकाल की अलग-अलग झलक देखने को मिलती है।
ऐसे में दूसरी सवारी में बाबा महाकाल भक्तों को एक साथ दो रूपों में दर्शन देने वाले हैं। राजाधिराज की सवारी अवंतिकानाथ चांदी की पालकी में चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर सवार होकर मनमहेश रूप में निकलेंगे। पुजारियों के अनुसार हमेशा नंदी की सवारी करने वाले शिव शंभु भगवान महाकाल उज्जैन के राजा होने के कारण पालकी व हाथी की सवारी करते हैं।
इस बारे में जानकारी देते हुए पुजारियों ने बताया कि नंदी की सवारी करने वाले शिव शंभु भगवान महाकाल उज्जैन के राजा होने के कारण पालकी व हाथी की सवारी करते हैं। भगवान महाकाल चंद्रमौलेश्वर रूप में चांदी की पालकी और मनमहेश रूप में हाथी पर सवार होकर निकलते हैं। भगवान का हाथी दो पीढ़ियों से उनकी सेवा में हैं।