(अनुराग तागड़े)
रॉकी और रानी की प्रेम कहानी यह फिल्म अगले कुछ दिनों में सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली है। फिल्म का एक गीत तुम क्या मिले बहुत प्रसिद्ध हो रहा है । करण जौहर ने फिल्म का निर्देशन किया है और फिल्म के इस गीत को अमिताभ भट्टाचार्य ने लिखा है और बेहद खूबसूरत तरीके से संगीतबद्ध किया है प्रीतम ने। अरिजीत सिंह और श्रेया घोषाल ने इस गीत को गाया है। यह गीत आपको विजुवल डिलाइट देता है जो की वर्तमान की फिल्मों से गायब होते जा रहा है। फिल्म के इस गीत को कश्मीर में फिल्माया गया है और हमारा कश्मीर कितना खूबसूरत है फिल्म में साफ नजर आता है।
गत कुछ वर्षों से बॉलीवुड की फिल्मों में इस प्रकार का ग्लैमर गायब हो गया था और उसकी जगह फिल्मी गीतों में भी फूहडता ज्यादा नजर आ रही थी और गीतों के बोल भी समझ ही नहीं आते थे। कश्मीर में फिल्माए इस गीत का ट्रीटमेंट जिस प्रकार से किया गया है वह शानदार है। जब गीत के बोल और संगीत एक दुसरे से जुड़े होते है तब वाकई गीत कर्णप्रिय बन जाता है और पर्दे पर फिल्म का गीत पूर्णता के साथ तब आ पाता है जब अच्छे शब्दों और मीठे संगीत को सिनेमेटोग्राफी का साथ मिलता है। हम भले ही पर्दे पर शिफॉन की साड़ी पहने नायिका को देखकर यह कहे कि इस प्रकार के गीतों का निर्देशन पहले भी दिलवाले दुल्हनिया से लेकर यशराज की अन्य फिल्मों में हम देख चुके है पर हमें यह बात भी ध्यान रखना चाहिए कि इन्हीं खूबसूरत जगहों पर फिल्माएं हुए यशराज के गीतों को हम आज भी याद करते है और शायद यशराज ने ही हमें प्रेम की परिभाषा को अलग अलग फिल्मों के माध्यम से समझाई है।
हम वर्तमान में दक्षिण की फिल्मों की भव्यता और फिल्मांकन आदि को देखकर प्रभावित हो रहे है और यह अच्छी बाते है क्योंकि वे फिल्में भी हमारी ही है परंतु हमें बॉलीवुड की असली ताकत समझना होगी कि हमारी विशेषता क्या है और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि अच्छे और अर्थ वाले गीतों को अगर आप इस प्रकार संगीतबद्ध करके उन्हें शानदार लोकेशन्स पर फिल्माएंगे तब निश्चित रुप से दर्शकों को पसंद आएगा ही…जरुरत है अपने आप को पहचानने की।
जहां तक फिल्म का प्रश्न है कितनी सफल होगी यह कह नहीं सकते क्योंकि फिल्म का कॉन्सेप्ट बेहद अलग है कि एक पंजाबी लड़का और बंगाली लड़की शादी के पूर्व तीन तीन महीने एक दूसरे के घर पर रहते है। फिल्म में धर्मेन्द्र और जया बच्चन और शबाना आजमी भी नजर आने वाले है। आलिया भट्ट ने प्रसव के चार या पांच महीने के बाद ही फिल्म के इस गीत की शूटिंग की थी जो अपने आप में तारीफे ए काबिल है। मैं कोई करण जौहर का प्रशंसक या फॉलोअर नहीं हूँ परंतु एक कर्णप्रिय गीत सुनाई दे गया तब लगा कि बॉलीवुड में अच्छे प्रयासों को अगर हम ही बढ़ावा नहीं देंगे और बाद में बोलेंगे की बॉलीवुड में सबकुछ फ्लॉप होते जा रहा है तब इसके जिम्मेदार भी हम होंगे।