सिका कॉलेज में संगीत विभाग शुरू किया गया जिसमें डॉ.उषा कृष्णन ने कहा-गायन, वादन व नृत्य का मनोवैज्ञानिक महत्व है

Deepak Meena
Published on:

इंदौर. छात्र जीवन में संगीत की महत्वता को समझते हुए सिका कॉलेज में संगीत विभाग शुरू किया गया है। इसका उद्घाटन शनिवार को शिक्षाविद व एसआईसीए कॉलेज की निदेशक डॉ. उषा कृष्णन ने किया। इस अवसर पर अध्यक्ष श्री पी बाबूजी, प्रबंध ट्रस्टी डॉ. विजयलक्ष्मी अयंगर, कोषाध्यक्ष ट्रस्टी डॉ. आर. श्रीधर, मानद ट्रस्टी कार्तिक शास्त्री उपस्थित थे।

मुख्य अतिथि डॉ. उषा कृष्णन ने कहा कि गायन, वादन व नृत्य का मनोवैज्ञानिक महत्व है। जरूरी नहीं कि हर किसी को गाना आता हो, लेकिन गाना सुनना हर किसी को पसंद होता है। उन्होंने कहा कि कॉलेजों में संगीत को एक विषय के रूप में शामिल करने से बच्चों को अच्छा गाने में मदद मिलेगी। शिक्षा प्राप्त होती है, उसका प्रभाव उनके कार्यक्रमों में दिखाई देता है। मैनेजिंग ट्रस्टी डॉ. विजयलक्ष्मी अयंगर ने कहा कि नई शिक्षा नीति में पहले वर्ष में संगीत को शामिल किया गया है। एसआईसीए कॉलेज में एक विषय के रूप में संगीत की पढ़ाई शुरू की जा रही है. छात्र संगीत को वैकल्पिक विषय के रूप में ले सकते हैं।

कोषाध्यक्ष ट्रस्टी डॉ. आर. श्रीधर ने कहा कि संगीत सबको जोड़ता है, लोगों को जोड़े रखता है. संगीत के माध्यम से विभिन्न संस्कृतियाँ, समुदाय और राष्ट्रीयताएँ एकजुट होती हैं। इस मौके पर कॉलेज की उप प्राचार्य प्रो वाग्मिता दुबे ने कहा कि शोध में पाया गया है कि संगीत कई बीमारियों को ठीक करता है. संगीत संकाय श्री लव उपाध्याय ने कहा कि संगीत में गणित, विज्ञान, मनोविज्ञान, सामाजिक विज्ञान और योग शामिल हैं। इस अवसर पर श्री लव उपाध्याय ने एकल तबला वादन प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर प्रतिभा सारस्वत ने किया।