इंदौर। लोगों में कोविड के बाद से लेकर अब लंग से संबंधित समस्या को लेकर जागरूकता बढ़ी है। पहले लोग इससे संबंधित समस्या होने पर सामान्य डॉक्टर को दिखाते थे लेकिन आजकल यह बदल गया है लोग रेस्पिरेट्री से संबंधित डॉक्टर को इस बारे में दिखाना है ज्यादा पसंद करते हैं। कॉविड के दौरान अगर सबसे ज्यादा कोई ऑर्गन इफैक्ट हुआ है तो वह है हमारे फेफड़े। वही वर्तमान समय में स्मोकिंग का चलन बहुत ज्यादा बढ़ गया है वही बढ़ते पोलूशन की वजह से फेफड़ों से संबंधित बीमारियां देखने को मिल रही है जिसमें सीओपीडी, आईएलडी, लंग कैंसर शामिल है।
वही हमारी बिगड़ती जीवनशैली और खानपान के चलते भी कई बीमारियां हमारे शरीर में जगह बना रही है आज हमारी लाइफ स्टाइल सिडेंट्री हो गई है जिस वजह से खेलकूद और व्यायाम भी बहुत कम हो गया है। इसके दुष्परिणाम के रूप में बढ़ता मोटापा सामने आ रहा है। बढ़ते मोटापे के कारण स्लीप एपनिया जैसी बीमारी भी देखने को सामने आ रही। यह बात डॉक्टर समीर वैद्य ने अपने साक्षात्कार के दौरान कही। वह शहर के प्रतिष्ठित वी वन हॉस्पिटल में छाती और श्वसन रोग विशेषज्ञ के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।
सवाल.ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया क्या है इस के सामान्य लक्षण क्या होते हैं
जवाब. हमारे खान पान में ऑइली फूड की मात्रा बहुत ज्यादा बढ़ गई है वही हमारी जीवन शैली से खेल कूद और व्यायाम बहुत कम हो गया है इस वजह से मोटापा बढ़ता जा रहा है। बढ़ते मोटापे की वजह से ऑब्सट्रक्टिव स्लीप एपनिया जैसी बीमारी देखने को सामने आ रही है इस बीमारी को अगर मेडिकल टर्म ने समझा जाए तो बढ़ते मोटापे की वजह से रात को सोने के दौरान सांस अटक जाती है जिस वजह से नींद के दौरान व्यक्ति सांस लेना बंद कर देता है और शरीर में ऑक्सीजन की मात्रा की कमी हो जाती हैं और वह अचानक घबरा कर नींद से बाहर हो जाते हैं।
कई बार तो इस समस्या के चलते लोगों को हार्ट से संबंधित समस्या भी देखने को सामने आती है। इसमें एक नई पद्धति स्लीप स्टडी के माध्यम से नींद में आने वाली समस्या का डायग्नोसिस किया जा सकता है। कई बार नींद पूरी नहीं होने के चलते लोग अपने वर्कप्लेस पर सोते रहते हैं वहीं कई केस ऐसे भी आते हैं जो गाड़ी चलाने के दौरान सो जाते हो और बड़ी दुर्घटना सामने आती है। वही उम्र बढ़ने के साथ साथ यह बीमारी लोगों में कॉमन रूप से देखी जाती।
सवाल. सीओपीडी से संबंधित समस्या क्या है किस वजह से इसकी बढ़ोतरी हो रही है
जवाब. अगर बात सीओपीडी की करी जाए तो वर्तमान समय में यह बीमारी बहुत ज्यादा कॉमन रूप से मौत का कारण बन कर सामने आ रही है। सीओपीडी के पेशेंट में हार्ट अटैक और स्ट्रोक से संबंधित समस्या भी कॉमन रूप से देखी जाती है। अगर इसके कारणों की बात की जाए तो स्मोकिंग, पॉल्यूशन, एनवायरमेंटल एक्स्पोज़र और अन्य चीजें शामिल है जो इस बीमारी को बढ़ावा देती है। कई लोग ऐसे होते हैं जो भट्टी हो और सीमेंट जैसी फैक्ट्री में काम करते हैं वहां पर वह हमेशा धूल और धुएं के संपर्क में आते रहते हैं।
इस वजह से उनके लंग्स डैमेज हो जाते हैं। जब यह धुआं और धूल के कण हमारे फेफड़े में जाते हैं तो उसकी नालियों को इफैक्ट करते हैं। इस वजह से श्वास की नलियां मोटी हो जाती है और सांस एक्सचेंज नहीं हो पाती है। इससे बचने के लिए हमें स्मोकिंग जैसी बुरी आदतों को छोड़ना बहुत ज्यादा जरूरी है साथ ही ऐसे लोग जो किसी कंपनी में काम करते हैं जहां पर पोलूशन और धूल के कण ज्यादा होते हैं उन्हें मास्क लगाना बहुत ज्यादा जरूरी है।
सवाल. लंग कैंसर होने की क्या वजह है क्या इसमें बढ़ोतरी हुई है
जवाब. वर्तमान समय में कैंसर के पेशेंट बहुत ज्यादा बढ़ रहे हैं वहीं अगर बात लंग कैंसर की करी जाए तो इसमें भी बहुत ज्यादा बढ़ोतरी हुई है वही पूरी दुनिया में कैंसर से होने वाली मृत्यु के कारण में लंग कैंसर कॉमन रूप से सामने आया है। और इसका मुख्य कारण स्मोकिंग करना है। अगर इसके लक्षण की बात करी जाए तो सुखी खांसी आना, खांसी में खून आना, वजन कम होना, सांस फूलना, छाती में दर्द होना शामिल है।
आजकल ऐसे भी पेशेंट देखे जा रहे हैं जो स्मोकिंग तो नहीं करते लेकिन उनमें भी इससे संबंधित समस्या देखी जाती है वही कई बार यह जेनेटिक रूप से भी सामने आता है। इसी के साथ एनवायरमेंटल एक्स्पोज़र भी इसका एक कारण होता है। कई बार इसके लक्षण होने पर व्यक्ति इसे सामान्य समझ कर ध्यान नहीं देता है और यह बीमारी धीरे-धीरे बढ़ जाती है और कैंसर की लास्ट स्टेज तक पहुंच जाती है। अगर इसको पहले स्टेज में पकड़कर डायग्नोस किया जाए तो इसे पूरी तरह से ऑपरेशन की मदद से खत्म किया जा सकता है।
सवाल. आपने अपनी मेडिकल फील्ड की पढ़ाई किस क्षेत्र में और कहां से पूरी की है
जवाब. में इंदौर शहर से ही हूं मैंने अपनी एमबीबीएस की पढ़ाई देश के प्रतिष्ठित आर्म्ड फोर्सेज मेडिकल कॉलेज पुणे से की है। इसके बाद मैंने रेस्पिरेट्री मेडिसिन में एमडी की पढ़ाई सायन हॉस्पिटल लोकमान्य तिलक मेडिकल कॉलेज मुंबई से पढ़ाई की। सुपर स्पेशलाइजेशन मैं मैंने डीएम पलमोनरी मेडिसिन में दिल्ली के ईएसआई हॉस्पिटल से पूरा किया। इसी के साथ मैंने स्लिप मेडिसन में फैलोशिप प्रोग्राम में भी हिस्सा लिया है। वही मैंने कई ट्रेनिंग और फैलोशिप प्रोग्राम में हिस्सा लेकर इस फील्ड में दक्षता हासिल की है। अपनी पढ़ाई पूर्ण होने के बाद मैंने ईएसआई के पुणे स्थित सरकारी हॉस्पिटल में कोविड के दौरान अपनी सेवाएं दी वहीं वर्तमान में मैं शहर के प्रतिष्ठित वी वन हॉस्पिटल में कार्यरत हूं। वही एलआईजी कॉलोनी में मैं अपने क्लीनिक स्वास सुपर स्पेशलिटी रेस्पिरेट्री सेंटर पर भी अपनी सेवाएं देता हूं।