जबलपुर क्षेत्र में टॉप रिजल्ट देने के मामले में मशहूर दिव्य आईएएस अकैडमी अब इंदौर में भी, UPSC और MPPSC के रिजल्ट में अव्वल नंबर पर है कोचिंग क्लासेस

Suruchi
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इंदौर। आज के दौर में शिक्षा व्यवसाय के रूप में बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है कई लोगों ने इसे मुख्य व्यवसाय बना लिया है लेकिन ऐसे में स्टूडेंट्स को बेहतर शिक्षा नहीं मिल पाने की वजह से उनका जीवन और भविष्य दोनों अधर में चले जाते हैं इसी को ध्यान में रखते हुए शहर में दिव्य आईएएस कोचिंग क्लासेस की शुरुआत डीडी लोधी सर द्वारा इंदौर में की गई है। जबलपुर में इसकी शुरुआत 2016 में की गई थी जबलपुर क्षेत्र मैं कई स्टूडेंट्स को सिलेक्शन भी मिले हैं। वहां पर बेहतर शिक्षा के बूते आज अव्वल नंबर पर आने वाली क्लासेस अब शहर के भंवरकुआ पर अपनी सेवाएं प्रदान कर रही है। अभी हाल ही में एमपीपीएससी के रिजल्ट में कोचिंग के स्टूडेंट्स ने अंडर 10 में 2 ने जगह बनाई है।

सवाल. आप शिक्षा के क्षेत्र में कैसे आए क्योंकि आप तो एक सरकारी अधिकारी थे क्या थी कहानी

जवाब. सन 1998 से मैंने कई वर्षों तक टीचिंग प्रोफेशन में काम किया इसके बाद मैंने वाणिज्य कर निरीक्षक, महिला बाल विकास अधिकारी और अन्य पदों पर अपनी सेवाएं दी है। मेरे कुछ फ्रेंड्स का यूपीएससी में सिलेक्शन होने के पश्चात मैंने भी यूपीएससी का एग्जाम दिया और महज 8 महीने की तैयारी में मैं प्री और में क्लियर कर इंटरव्यू के लिए चयनित हुआ।

वहीं मैंने 6 बार एमपीपीएससी में सिलेक्शन लिया है । उसके बाद 2015 में मैने मन बना लिया कि अब मैं शिक्षा क्षेत्र में ही वापस लौटूंगा कुछ समय बाद मैंने अपने सारे पदों से रिजाइन देकर स्टूडेंट को बेहतर शिक्षा देने का संकल्प लिया। मेरा ऐसा मानना है कि जैसे जंगल से लकड़ी उठाकर उसको एक आकार दिया जाता है उसी प्रकार शिक्षा हमारे व्यक्तित्व को आकार देती है शिक्षा हमेशा क्वालिटी से आती है ना की क्वांटिटी से। हमारे यहां फैकल्टी भी टॉप लेवल की होती है।

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नितिन कुमार छारी कोर्स डायरेक्टर ने जानकारी देते हुए बताया कि क्लासेस में दूसरे सब्जेक्ट पर फोकस ना करते हुए सिर्फ यूपीएससी और एमपीपीएससी के क्षेत्र में ही शिक्षा प्रदान की जाती है। क्लासेस की खास बात यह है कि यहां पर प्री और मैंस दोनों की तैयारी साथ में करवाई जाती है जिससे पढ़ने में स्टूडेंट को काफी ज्यादा आसानी होती है। इसमें दो से तीन प्रकार के बेच संचालित किए जाते हैं जिसमें फाउंडेशन बैच जो कि लगभग 3 साल का होता है वही टारगेट बैच जिसमें लगभग 1 साल तक स्टूडेंट को शिक्षा दी जाती है।

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स्टूडेंट और भी अन्य बेच में पार्टिसिपेट कर पढ़ाई करते हैं। यह शिक्षा इन्हें हिंदी और इंग्लिश मीडियम दोनों में दी जाती है। स्टूडेंट्स को बेहतर शिक्षा देने के मकसद से पूरे साल कोर्स के दौरान टेस्ट सीरीज, लाइव आंसर राइटिंग क्लासेस, डाउट सेशन और अन्य प्रोग्राम चलाए जाते हैं। क्लासेस में स्टूडेंट को वाईफाई फैसिलिटी, लाइब्रेरी, ऐसी रूम, कंफर्टेबल सीटिंग अरेंजमेंट और अन्य प्रकार की सुविधाएं दी जाती है।

सवाल. क्लासेस में एजुकेटर कितना समय देते है ताकि स्टूडेंट्स को डाउट ना रहे

जवाब. क्लासेस में क्वालिटी ऑफ एजुकेशन देने के मकसद से ऐसे टीचर को अप्वॉइंट किया गया है जिन्होंने यूपीएससी और एमपीपीएससी एग्जाम के इंटरव्यू लेवल तक जाकर अनुभव हासिल किया है इसी के साथ यह एजुकेटर सुबह 8 बजे से लेकर शाम के 8 बजे तक क्लासेस में उपलब्ध रहते हैं। वही डीडी लोधी सर का हमेशा से कहना है कि अगर किसी टॉपिक को खत्म करने में 4 दिन का समय लगता है तो उसे 5 दिन का समय दिया जाए ताकि किसी भी स्टूडेंट्स का कोई डाउट ना बचे। हर संडे को क्लासेस में टेस्ट का आयोजन किया जाता है इसी के साथ हर महीने 1 मेगा टेस्ट स्टूडेंट का लिया जाता है।

सवाल. यूपीएससी ओर एमपीपीएससी में आप किस पैटर्न को फॉलो करते हैं जो आपको अलग बनाता है

जवाब. स्टूडेंट्स को एडमिशन लेने के पश्चात एक किट दी जाती है जिसमें बैग, टीशर्ट और हैंडरिटर्न नोट्स होते हैं जो कि स्टूडेंट्स को पढ़ने में काफी ज्यादा लाभदायक होते हैं। यूपीएससी और एमपीपीएससी में आंसर राइटिंग सबसे मुश्किल टास्क माना जाता है कई बार स्टूडेंट प्री क्लियर करने के बाद मेंस में इसकी तैयारी करते हैं लेकिन हमारी क्लासेस में प्री के साथ-साथ मेंस की तैयारी में आंसर राइटिंग क्लासेस भी लगाई जाती है ताकि आगे चलकर स्टूडेंट को आसानी हो।

सवाल. क्लासेस का समय क्या रहता है स्टूडेंट के लिए कोई सेमिनार आयोजन करवाए जाते हैं क्या

जवाब. सुबह 8 बजे से क्लासेस शुरू होती है जिसमें स्टूडेंट्स को सुबह 8 से लेकर 12 बजे तक हिंदी मीडियम के स्टूडेंट को शिक्षा दी जाती है वही 1 बजे से लेकर 4 बजे तक इंग्लिश मीडियम के स्टूडेंट को शिक्षा दी जाती है। इसी के साथ स्टूडेंट्स के बेहतर मार्गदर्शन और उनका मनोबल बढ़ाने के लिए समय-समय पर सेमिनार का आयोजन किया जाता है जिसमें पासआउट स्टूडेंट और प्रतिष्ठित लोग आकर उन्हें मार्गदर्शन प्रदान करते हैं।