नई दिल्ली। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने 29 मई 2023 को एक और बड़ी सफलता हासिल की है। ISRO ने आज श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से नई पीढ़ी का नेविगेशन सैटेलाइट लॉन्च किया है। अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत को एक बड़ी सफलता हासिल हुई है। इसरो का नेविगेशन सैटेलाइट NVS-01 लॉन्च कर दिया है।
इसे जियोसिंक्रोनस लॉन्च व्हीकल यानी GSLV-F12 से अंतरिक्ष में भेजा गया। वैज्ञानिकों ने इसके लिए कल ही काउंटडाउन शुरू की थी। 27.5 घंटे का काउंटडाउन सेट किया गया था। यह सैटेलाइट खासकर सशस्त्र बलों को मजबूत करने और नौवहन सेवाओं की निगरानी के लिए बनाया गया है। इसरो ने कहा कि अब इस सेटेलाइट की मदद से हमारे पास और भी बड़े पेलोड लॉन्च करने की क्षमता है।
इस नाविक NVS-01 नेविगेशन सैटेलाइट से सशस्त्र बलों को काफी मदद मिलेगी। ये सैटेलाइट उन 5 सेकेंड जनरेशन सैटेलाइट्स का हिस्सा है जिसे आने वाले दिनों में लॉन्च किया जाएगा। भारतीय जीएसएलवी रॉकेट की मदद से सैटेलाइट को 10.42 बजे लॉन्च किया गया। प्रक्षेपण के 20 मिनट बाद रॉकेट करीब 251 किमी की ऊंचाई पर भू-स्थिर स्थानांतरण कक्ष में उपग्रह को स्थापित करेगा।
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इसरो ने कहा कि एनवीएस-01 दूसरी पीढ़ी के उपग्रहों में से पहला है। NVS-01 सैटेलाइट को धरती की जियोसिंक्रोनस ऑर्बिट में 36,568 किलोमीटर ऊपर तैनात किया जाएगा। इसरो ने कहा कि यह पहली बार है जब स्वदेशी रूप से विकसित रुबिडियम परमाणु घड़ी का सोमवार के प्रक्षेपण में इस्तेमाल किया जा रहा है।