इंदौर। संविधान शिल्पी डॉ. भीमराव आंबेडकर की आज 132वीं जयंती भारत सहित पूरी दुनिया में एक उत्सव के रूप में मनाई जा रही है। जीवन भर समानता के लिए संघर्ष करने वाले डॉ. आंबेडकर को समानता और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है। समाज में कमजोर, मजदूर और महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी और निचले तबके को समानता का अधिकार दिलाने के लिए अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया।
बता दें कि, भीमराव आंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा था, जो जाति और धर्म की परवाह न करते हुए सभी नागरिकों को समान अधिकार देता है। पहली बार डॉ. भीमराव की जयंती 14 अप्रैल, 1928 को पुणे में मनाई गई थी लेकिन अब राजनीतिक पार्टियों के साथ- साथ सामान्य वर्ग के लोग भी इसे मनाते हैं।
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मध्यप्रदेश के इंदौर के महू में बाबा साहेब अंबेडकर की जन्मस्थली पर कई दिग्गज पहुंच रहे हैं। आज सुबह सबसे पहले मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ स्मारक स्थल पर पहुंचे और श्रद्धासुमन अर्पित किए। कमलनाथ के वहां से निकलने के 20 मिनट बाद ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव भी जन्मस्थली पहुंचे और बाबा साहेब के चरणों में शीश नवाया। आखिर में प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, राज्यपाल मंगूभाई पटेल, मंत्री तुलसी सिलावट स्मारक स्थल पर पहुंचे। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी यहां पहुंचे और बाबा साहेब को नमन किया।