हनुमान जयंती पर जानें ‘रणजीत सरकार’ से जुड़ी कुछ रोचक बातें..

Shivani Rathore
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इंदौर : देशभर में कल हनुमान जयंती का पर्व बड़े ही धूमधाम से मनाया जाएगा। इसी कड़ी में कल इंदौर के प्राचीनतम मंदिर में विराजमान भगवान रणजीत हनुमान का भव्य श्रृंगार किया गया है।

गौरतलब है कि भगवान हनुमान जी की इंदौर शहर में कई मुद्राओं में प्रतिमा है। वहीं 1907 स्थापित किया गया रणजीत हनुमान मंदिर हारे का सहारा है। कहा जाता है कि अल्हड़सिंह भारद्वाज हनुमानजी के बहुत बड़े भक्त थे। उन्होंने तब इस वीरान जंगल क्षेत्र में पतरे की ओट लगाकर हनुमानजी की प्रतिमा स्थापित कर दी और छोटा-सा अखाड़ा बना दिया। इस मंदिर की विशेषता है कि यहां विराजित हनुमान ढाल और तलवार लिए विराजमान है।

 

कहा जाता है कि यह अपनी तरह की विश्व की एकमात्र प्रतिमा है। इसके अतिरिक्त उनके चरणों में अहिरावण है। मूर्ति को देखकर लगता है जैसे कि भगवान किसी युद्ध में जाने की तैयारी में है। कहा जाता है कि शहर के पश्चिम क्षेत्र में स्थित रणजीत हनुमान मंदिर 130 वर्षों से भक्तों को जीत का आर्शीवाद दे रहे हैं। यहां कई भक्त अपनी जीत की कामना लेकर आते हैं और रण जीत लेते हैं। रामनवमी और हनुमान जयंती पर यहां विशेष श्रृंगार, अनुष्ठान, पूजा-पाठ और आरती की जाती है।