जिंदगी में चाहिए सुकून तो इन मेंटल डिसआर्डर से हो जाए सावधान

anukrati_gattani
Updated on:

आजकल इस भाग-दौड़ भरी जिंदगी में हमें हमारे दिमाग को शांत रखना, हर काम आराम से करना, अपनी हर एक चीज़ अच्छे से करना यह सभी कही न कही खो-सी गयी है। इस डिजिटल दुनिया में अपने ब्रेन को थोड़ी देर भी फ्री रखना काफी मुश्किल हो जाता है। लेकिन,अपने अच्छे स्वास्थ के लिए अपना ध्यान रखना बहुत जरुरी है।
इस डिजिटल दुनिया में अपना स्वास्थ का ध्यान रखना अतिआवश्यक है। जिनमे से सबसे ज्यादा जरूरी है हमारे ब्रेन को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है। इससे बॉडी के अंगों को सुचारू रूप से चलने में मदद मिलती है। किडनी,लिवर, और अन्य बॉडी पार्ट्स अच्छे से काम कर सकते है। यदि आपका ब्रेन ही डिस्टर्ब हो जाए तो पूरा शरीर ही परेशान हो जाता है। कई बार ऐसा होता है की हमें मेन्टल बीमारियों के लक्षण समझ नहीं पाते है और कई बार बहुत देर में ये लक्षण नज़र आते है। अकेलापन, सिरदर्द होना, एकाग्रता की कमी जैसे कई लक्षण दिखाई देने लगते है। आइये, जानते है कुछ मेन्टल डिसऑर्डर्स के बारे में जानते है।

Also read– World TB Day : भारत की इतने प्रतिशत आबादी टीबी से संक्रमित, WHO ने 2030 तक टीबी मुक्त का रखा लक्ष्य

ईटिंग डिसऑर्डर – यह एक तरह का मेन्टल डिसऑर्डर है। इसके दौरान कभी-कभी इंसान को ज्यादा भूख लगती है और कभी बिलकुल न खाना है। इससे कई बार भूख काम हो जाती है या फिर कभी कभी तो भूख पूरी तरह से मर जाती है।

फोबिया होना – फोबिया को हम ऐसे समझ सकते है कि किसी व्यक्ति, वस्तु, या फिर परिस्थिति या कोई भी एक्शन में डर लगना है। ऐसे में घबराहट होने लती है। यह प्रॉब्लम बहुत गंभीर होती है।

पर्सनालिटी डिसऑर्डर– इस में इंसान को औरों को समझने में और उनकी परेशानियों को रिलेट करने में प्रॉब्लम होती है। जिससे रिश्ते ख़राब भी हो जाते है।

मूड डिसऑर्डर – हर इंसान के मूड स्विंग्स का उनके रिश्ते पर गहरा प्रभाव पढता है। इस दौरान या तो व्यक्ति ज्यादा खुश होता है, या फिर दुखी या कभी कभी मिक्स जैसा व्यवहार कर देता है। मूड डिसऑर्डर के समय इंसान क्रोध और चिडचिड़ापन से भी पीड़ित मिल सकता है।