आजकल टेक्नोलॉजी की बढ़ती रफ्तार को देखते हुए। ने हमारी दुनिया को उसी में बसा रखा है। ऐसे में सोशल मीडिया के माध्यम से हमें यह भी ज्ञात हुआ है की डिजिटल डिटॉक्स करना कितना आवश्यक है। डिटॉक्स मतलब ऐसा दिन या ऐसा समय जिस समय हम सभी स्क्रीन्स चाहे मोबाइल की हो या फिर लैपटॉप या फिर कोई भी ऑनलाइन ऑफिस वर्क सभी से हम कट ऑफ कर लेते हैं। हालांकि स्पेशलिस्ट के अनुसार डिजिटल डिटॉक्स के द्वारा मोबाइल या स्क्रीन टाइम की लत से छुटकारा पाना इतना आसान नहीं है। कुछ और तरीकों की खोज करनी पड़ेगी, जिससे इस लत से छुटकारा मिल सकें।
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एक शख्स ने 10 दिन का डिजिटल डिटॉक्स किया और न्यूयॉर्क टाइम्स के इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि सभी को स्मार्ट डिवाइजेस की लत चुकी है हालांकि इसे छोड़कर वे काफी बेहतर फील कर रहे हैं। कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के न्यूरोलॉजी प्रोफेसर एडम गैजेले के मुताबिक, आपको डिजिटल डिटॉक्स को रोजाना करना चाहिए। आप अपने स्मार्ट डिवाइसेज की नोटिफिकेशन बंद रखें और जब इसकी जरूरत ना हो तो फोन से भी दूरी बना ले।
सूजंग किम पैंग, जो कि अपने आपको डिजिटल डिवाइस से दूर रखने के जुड़े विषयों पर लिखते रहते हैं। कहते हैं कि अपने स्मार्टफोन से कुछ दिनों की दूरी बनाना बिल्कुल भी काफी नहीं है। क्योंकि जब आप 10 दिनों तक डिवाइस से दूर रहते हैं तो 11वें दिन फिर आप उसी जगह लौट जाते हैं, ऐसे में आपको सावधान रहने की जरूरत है। डिजिटल डिटॉक्स के 21 अध्ययनों की कुछ मामलों में इसके परिणाम बिल्कुल विपरीत नजर आते हैं। हालांकि, ज्यादातर परिणाम 50-50 आए हैं। एक टाइम ऐसा था, जब टेक्नोलॉजी से दूरी बनाना इतना मुश्किल नहीं था। लेकिन, अब बात बदल चुकी है। हमें जरूरत की सभी डाक्यूमेंट्स के लिए भी स्मार्टफोंस पर निर्भर रहना पड़ता है।