इंदौर की गेर 2024 में यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत में शामिल हो सकती है, सांसद शंकर लालवानी ने की दिल्ली में अहम मुलाकात

Pinal Patidar
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इंदौर में रंगपंचमी पर निकलने वाली गेर पूरे विश्व में प्रसिद्ध है और इसे अब यूनेस्को की सांस्कृतिक विरासत में सम्मिलित करने के लिए तेज़ी से प्रयास हो रहे हैं। दिल्ली में सांसद शंकर लालवानी ने संगीत नाटक अकादमी की अध्यक्ष डॉक्टर संध्या पुरेचा से मुलाकात की और इंदौर की गेर के विषय में विस्तार से बताया।

डॉ पुरेचा आयोजन को लेकर काफी उत्सुक नजर आईं और उन्होंने इस बारे में विस्तार से सांसद लालवानी से चर्चा की। जिसके बाद उन्होंने आवश्यक डॉक्यूमेंटेशन पूरा करने के लिए कहा है। साथ ही, डॉ पुरेचा ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवश्यक डॉक्यूमेंटेशन पूरा होते ही विभाग से भी आवश्यक कार्रवाई तुरंत की जाए ताकि इंदौर की गेर को यूनेस्को की सूची में शामिल करवाया जा सकें।

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सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि डॉक्टर संध्या पुरेचा से इंदौर की रंगपंचमी की गेर को लेकर चर्चा हुई है और उन्होंने कहा है कि साल 2023 की सूची यूनेस्को को भेज दी गई है। साल 2024 में की सूची में इसे भेजा जाएगा। साथ ही सांसद लालवानी ने यह भी बताया कि इस हेतु आवश्यक डॉक्यूमेंटेशन इंदौर नगर निगम और कलेक्टर कार्यालय मिलकर करेंगे। यूनेस्को ने हाल ही में भारत की दुर्गा पूजा को सांस्कृतिक विरासत की मान्यता दी है। इससे पहले रामलीला, वेदपाठ, नवरोज़, कुंभमेला-सिंहस्थ आदि को भी ये सम्मान मिल चुका है।