दुनिया भर में 12 ज्योतिर्लिंगों में बाबा महाकाल का दरबार भक्तों के दिल श्रद्धा की अलग जगह रखता है। इसके साथ ही यहाँ पर जिस तरह से त्योहारों को मनाया जाता है उसका भक्तों को साल भर इंतज़ार रहता है। हाल ही में होली का त्यौहार बीता है जब यहाँ बहुत ही धूम धाम से होली मनाई गयी। लेकिन इसके बाद रंगपंचमी की भी जोरों से तैयारियां की जा रही है।
जानकारी के मुताबिक, रविवार तड़के चार बजे भस्म आरती में अवंतिकानाथ इसी प्राकृतिक (हर्बल) रंग से होली खेलेंगे। भक्त भी राजा के संग रंग में सराबोर होंगे। हालांकि रंगपंचमी की यहां अलग ही महत्वता है इस दिन भगवान महाकाल टेसू के फूलों से बने हर्बल रंग से होली खेलते हैं। जिसे मंदिर के पुजारी एक दिन पहले फूलों से रंग तैयार करते हैं।
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महाकाल मंदिर के पुजारी ने बताया कि शनिवार को रंग बनाने के लिए तैयार फूलों को मंदिर लाकर रंग बनाया जाएगा। इनमें खुशबू के लिए इत्र व अन्य प्राकृतिक सुगंधित द्रव्य मिलाए जाएंगे। दरअसल फूलों से तैयार रंग त्वचा को किसी भी प्रकार से कोई हानि नहीं पहुंचाता है। जिस वजह से रंगपंचमी के दिन भक्त और भगवान दोनों हर्बल रंगों से होली खेलेंगे।