Indore : पहले होती थी डकैती, अब होता है बैंक अकाउंट हैक, क्राइम इधर डायवर्ट हो गए- राजेश कुमार हिंगणकर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त

Suruchi
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इंदौर। हर कार्य में आलोचना होती है, लेकिन यह आप पर निर्भर करता है कि उस आलोचना को सकारात्मक रूप से स्वीकार कर मौका मिलने पर उसमें सुधार करें, में पहले टीचिंग में था फिर लगा की पुलिस विभाग से बेहतर कोई समाज सेवा का माध्यम नहीं हो सकता। यह बात राजेश कुमार हिंगणकर अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय इंदौर ने साक्षात्कार के दौरान कही।

वह इंदौर में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त अपराध एवं मुख्यालय में प्रशासन, यातायात, ऑर्गनाइज्ड क्राइम, और इंटेलिजेंस विभाग में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। वह बताते हैं कि, पहले और आज किसी भी क्षेत्र में अपराध में मुखबिर महत्त्वपूर्ण है, लेकिन टेक्नोलॉजी के इस युग में मोबाइल, कंप्यूटर आने से साईबर क्राइम बढ़े हैं, पहले घर में अपराधी डकैती डालते थे, लेकिन आज के दौर में लोग पैसे अकाउंट में रखते है तो यह अपराधी बैंक अकाउंट हैक करते है, यह क्राइम अब इधर डायवर्ट हो गए हैं।

 

देश के कई क्षेत्रों में रहकर पढ़ाई पूरी की, शिक्षा क्षेत्र या संस्थान से नही काबिलियत से हासिल की जाती है

वह बताते हैं कि पिताजी त्रयंबक वामन हिंगणकर सिंचाई विभाग में इंजीनियर थे। उनके साथ प्रदेश के कई जिलों में रहा, ऐसे भी क्षेत्रों में रहा जो ज्यादा डेवलप नहीं थे, लेकिन कभी अपनी शिक्षा पर असर नहीं पढ़ने दिया, हर क्षेत्र और संस्थान से आप सीख सकते है, अगर आपमें काबिलियत हो तो, मैने 10वी और 11वी की पढ़ाई धार के आनंद उच्चतर माध्यमिक विद्यालय से पूर्ण की, इसके बाद झाबुआ के चंद्रशेखर आज़ाद कॉलेज से फर्स्ट ईयर और भोपाल के एमवीएम कॉलेज से अपनी अपनी पढ़ाई पूरी की। इसके बाद जीएसआईटीएस इंदौर से मास्टर में एमएससी अप्लाइड फिजिक्स में शिक्षा पूरी की।

टीचिंग के साथ की तैयारी प्रदेश के हर जिले में रहे पदस्थ, दिया अपना बेहतर

कॉलेज के बाद तैयारी के साथ वैष्णव और आईआरडीसी कॉलेज में टीचिंग की, इसके बाद अपनी मेहनत के बूते फॉरेस्ट विभाग में एसडीओ के पद पर चयन हुआ, लेकिन सफर यहीं नहीं रुका जॉब के साथ तैयारी की 1990 में पुलिस विभाग में डीएसपी के पद पर चयन हुआ। सागर ट्रेनिंग के बाद पहली पोस्टिंग छिंदवाड़ा, में और जबलपुर, चित्रकूट, सतना, उज्जैन, इंदौर और अन्य जगह अपनी सेवाएं दी।

मेहनत और लगन के चलते पदोन्नति हुई, इसके बाद एडीसी राजभवन, एसपी एटीसी, एसपी इंटेलिजेंस, एसपी कटनी, एसपी धार, सेनानी 15 बटालियन इंदौर, एसपी सतना और अन्य जगह अपनी सेवाएं दी। प्रदेश के हर जिले में सेवाएं देने के बाद डेप्युटी डायरेक्टर सागर में ट्रेनिंग पूरी की, फिर डीआईजी चंबल, मुरैना, और ग्वालियर में अपनी सेवाएं दी। वर्तमान में अतिरिक्त पुलिस आयुक्त इंदौर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं।

सुबह 5 बजे उठकर करते है 7 किलोमिटर रनिंग, अन्य क्षेत्र में किए यह काम

पुलिस की जॉब में समय की सीमा नही होती है, लेकिन कभी खुद के जीवन पर इसका प्रभाव नही पढ़ने दिया, रोजाना सुबह 5 बजे उठकर 7 किलोमीटर रनिंग करता हूं, एक्सरसाइज, योग, प्राणायाम के बाद अपने रूटीन काम में लग जाते हैं। शुरुआत से ही जहां भी रहा पुलिस और जनता के बीच खाई को पाटने का कार्य किया, इसके लिए ग्राम सुरक्षा समिति, नगर सुरक्षा समिति, 1992 में अन्य विभाग के बीच सामंजस्य बिठाकर गांव में चलित थाने, कैंप लगवाकर समस्याओं का निराकरण किया। उज्जैन में दो बार सिंहस्थ मेले को शांतिपूर्वक संपन्न करवाया। सतना और अन्य जगह डकैत और बदमाशों का सफाया किया, इसी के साथ नक्सल प्रभावित इलाकों मे मुहिम चलाकर सरेंडर करवाया, इसमें 98 हजार के इनामी संगम सदस्य जैसे नाम शामिल हैं।