उज्जैन में विक्रमोत्सव के तहत इन दिनों रामकथा का आयोजन किया जा रहा था। लेकिन इसी बीच सोशल मीडिया पर एक पत्र वायरल हो रहा था जिसमें यह लिखा उनके सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया। जिसके बाद महाराजा विक्रमादित्य शोध के तरफ से एक ट्वीट जारी किया गया और बताया गया कि यह पत्र नकली है। बता दें मंगलवार को राम कथा के दौरान कुमार विश्वास ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक को अनपढ़ ओर कम्युनिस्टों को कुपढ़ कहा। इसका वीडियो वायरल होने के बाद बुधवार सुबह से चारों ओर हलचल मच गई। हिंदूवादी संगठनों ने तीखा विरोध किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हिंदू समाज की एक बैठक में तय किया गया कि देशभर में इस बात का विरोध किया जाएगा। कुमार विश्वास अपनी कही बात पर माफी मांगे। हिंदू समाज के कुछ लोगों का कहना है कि माफी मांगने के बाद वे यह न सोचें कि वे बुधवार को राम कथा सुना देंगे। अब उन्हे उज्जैन से वापस लौटना होगा।
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कुमार विश्वास ने मांगी माफी
गौरतलब है कि कुमार विश्वास ने आज एक वीडियो भी जारी किया जिसमें उन्होंने कल के दिए बयान पर माफ़ी भी मांगी और सफाई भी दी। उन्होंने कहा मैं बाबा महाकाल की कृपा से मैं दो घंटे से अधिक समय तक रामकथा और उसकी प्रासंगिकता पर बोल सका। कथा प्रसंग में मेरे कार्यालय में काम करने वाले एक बालक पर मैंने टिप्पणी की। संयोग से वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में काम करता है। पढ़ता-लिखता कम है, बोलता ज्यादा है। मैंने उससे कहा कि तुम पढ़ा-लिखा करो। वामपंथी कुपढ़ है और तुम अनपढ़ हो। बस इतनी-सी बात थी। कुछ विघ्न संतोषियों ने इसे फैला दिया। कुछ मित्रों ने कहा कि हम इस कथा को भंग करेंगे। आप यह याद रखियेगा कि राम की कथा को कौन भंग करते हैं? मैं उज्जैन के सभी मित्रों से आग्रह करता हूं कि वह सभी वहां पहुंचे और मैं जो बोल रहा हूं, उसका अर्थ उस तरह से लगाएं, जो मैं बोल रहा हूं। यदि आप इसे नए अर्थ के लिए समझेंगे तो मैं उसके लिए जिम्मेदार नहीं हूं। तदुपरांत आपकी सामान्य बुद्धि में यह प्रसंग किसी और तरीके से चला गया हो तो उसके लिए मुझे माफ करें। मुझे क्षमा करें। प्रार्थना करूंगा कि जिन्होंने यह विघ्न संतोष पैदा किया है, ईश्वर उनकी भी बुद्धि मलिनता से दूर करें।