टैक्स प्रैक्टिशनर्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट सीए शैलेन्द्र सिंह सोलंकी ने कहा कि अमृतकाल का पहला बजट जिसमे कैपिटल एक्सपेंडिचर में 33% की वृद्धि के साथ 10 लाख करोड़ का प्रावधान किया गया है। इस बजट की बड़ी बात यह है कि इसमें खर्चों और सब्सिडी की कटौती के साथ राजकोषीय घाटे को 4.5% तक रखने का लक्ष्य रखा हैl जो कि स्वागतयोग्य है।
इंदौर सीए शाखा के चेयरमैन सीए आनंद जैन ने कहा कि बजट आने के बाद उसमे कई प्रावधान ऐसे होते है जिनके उचित अमल के लिए, बजट के पारित होने के पूर्व परिवर्तन की गुंजाईश रहती है। इसी बात को ध्यान मे रखते हुए इंदौर ब्रांच ने एक बजट सुझाव ग्रुप का गठन किया है जिसमें शहर के प्रबुद्ध सीए केमिशा सोनी, मनोज फडनिस, मनीष डफरिया, पीडी नागर, अनिल गर्ग, विजय बंसल, एन गोयल, कीर्ति जोशी, शैलेन्द्र सोलंकी, राजेश सेलोंट, अभय शर्मा, कृष्ण गर्ग, सुनील जैन आदि बजट पर गहन अध्ययन कर एक मीटिंग करेगे और उनके सुझाव वित्त मंत्रालय को सीए इंस्टिट्यूट के द्वारा भेजे जायेगे।
कार्यक्रम का सञ्चालन करते हुए टीपीए के मानद सचिव सीए अभय शर्मा ने कहा कि इतने भारी भरकम कैपिटल एक्सपेंडिचर का प्रोविजन होने के बावजूद माध्यम वर्गीय करदाताओं को कर राहत दी गई है जो कि अभिनंदनीय है। सीए शर्मा ने कहा कि इस बजट में करीब 125 से ज्यादा संशोधन सिर्फ आयकर प्रावधानों में हुए हैं। अल्टेरनेटिव टैक्स रिजीम को अब बेसिक रिजीम बनाकर यह सन्देश दिया है कि अब निवेश आधारित छूट का जमाना धीरे धीरे समाप्ति की और है।
सीए कीर्ति जोशी ने कहा कि जी.एस.टी कानून में कई महत्वपूर्ण बदलाव हुए अब छोटे व्यापारी जो जी.एस.टी में रजिस्टर्ड नहीं है या कम्पोजीशन ले रखा हे वे भी ई-कॉमर्स ओपरेटर्स जैसे अमेज़ॉन , फ्लिपकार्ट आदि के माध्यम से उसी स्टेट में अपनी वस्तुऍ की सप्लाई कर सकेगे। इससे छोटे व्यापारियों को भी बड़ा व्यापार करने का मौका मिलेगा। बड़ी कंपनियों को अपनी आय का 2% तक अनिवार्य रूप से सी.एस.आर एक्टिविटीज में खर्च करना होता हैं एवं अब इन खर्चो पर इनपुट टैक्स क्रेडिट क्लेम नहीं की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि जी.एस.टी कानून में धारा 21 एवं धारा 24 में कुछ नियम ऐसे थे जिसके कारण ऐसे व्यापारी या संस्थान केवल कर मुक्त वस्तु या सेवाओं की सप्लाई करते थे उन्हें भी जी.एस.टी में रजिस्ट्रेशन लेकर रिटर्न फाइल करना पड़ता था परंतु अब ऐसे स्कूल , कॉलेज या अन्य संस्थान जिनका कोई करयोग्य सप्लाई नहीं हैं उन्हें जी.एस.टी में रजिस्ट्रेशन नहीं लेना होगा।
जी.एस.टी कानून में पिछले कुछ वर्षो में किसी भी वित्तीय कानून में सबसे अधिक लोगो को जेल की हवा खानी पड़ी I लगभग 800 से अधिक व्यापारियों को 45 दिन औसतन जेल हुई। जी.एस.टी कानून के प्रावधान इतने डायक्रोनियन थे कि यदि कोई व्यापारी हमे जानकारी देने में असमर्थ हो जाता था जो उसके संज्ञान में हैं या जान बूझ कर सबूतों के साथ छेद छाड़ करता था या जी.एस.टी अधिकारियो के कार्यनिष्पादन में अड़चन डालता था उन्हें भी क्रिमिनल ओफ्फेंस मानते हुए कार्यवाही की जाती थी इसे बजट में डिक्रिमिनलाइज़्ड कर दिया गया है। परंतु आई.पी.सी. में इसके जो भी प्रावधान है वे जस के तस रहेंगे।
सीए जोशी ने कहा कि पहले जी.एस.टी में यदि 1 करोड़ से अधिक की कर चोरी पर गिरफ़्तारी की कार्यवाही प्रारंभ की जा सकती थी अब इस सीमा को बढ़ा कर 2 करोड़ कर दिया गया है परंतु यदि कोई व्यक्ति बोगस बिल जारी करता है तो उससे 1 करोड़ पर भी गिरफ़्तारी की प्रक्रिया से गुजरना होगा। अब जी.एस.टी कानून में धारा 158 A के अंतर्गत यह प्रावधान किये गए है कि वे व्यापारी द्वारा रजिस्ट्रेशन लेते समय या उनके द्वारा समय-समय पर फाइल किये गये रिटर्न एवं इ-वे बिल आदि की जानकारी कॉमन पोर्टल पर साझा कर सकेंगे परंतु इसके लिए विभाग को करदाता से अनुमति लेना होगी।
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सीए मनीष डफरिया ने कहा कि ऐसे करदाता जिनके पास धारा 80सी, डी में पर्याप्त निवेश है; हाउसिंग लोन का इंटरेस्ट है, ऐसे मीडियम क्लास टैक्स पेयर को पुराने रिजीम में कम टैक्स लगेगा। मीडियम क्लास टैक्स पेयर जिनके पास निवेश नहीं है के लिये नि:संदेह नया टैक्स रिजीम फायदेमंद होगा। उन्होंने कहा कि फिजिकल गोल्ड को गोल्ड बांड में कन्वर्ट कराना या गोल्ड बांड को फिजिकल गोल्ड में कन्वर्ट कराना अब आयकर में ट्रांसफर नहीं कहलायेगा अर्थात इस पर कोई कैपिटल गेन नहीं लगेगा। यह अमेंडमेंट अब गोल्ड बांड को बढ़ावा देगा तथा लोगों को फिजिकल गोल्ड रखने और उसकी सुरक्षा की चिंता से भी मुक्ति मिलेगी l उन्होने कहा कि सीनियर सीटीजन स्कीम में अब निवेश की सीमा दुगनी होने से बुजुर्गों को अधिक ब्याज मिल सकेगा। लार्ज बिजनेस, एमएसएमई तथा चैरिटेबल ट्रस्ट ‘एंटिटी डिगी लॉकर” का उपयोग कर अपने केवाईसी स्टोर कर सकेंगे जिससे ट्रांसपेरेंसी बढ़ेगी तथा इन एंटिटी को बार बार अपने फिजिकल डाक्यूमेंट्स किसी थर्ड पार्टी या गवर्नमेंट को देने की आवश्यकता नहीं होगी। ऑनलाइन गेमिंग में अब टीडीएस किसी भी जीत राशि पर कटेगा पहले 10 हजार से ज्यादा जीत राशि पर ही टीडीएस कटता था।
सीए डफरिया ने कहा कि विदेश यात्रा करना अब महंगा होगा क्योंकि अब टूर ऑपरेटर पैकेज्ड टूर पर 5% के स्थान पर 20% टीसीएस कलेक्ट करेगाl उन्होंने कहा कि सरकार ने बजट में टैक्स प्रावधानों में ज्यादा परिवर्तन नहीं कर यह दिखाया है कि सरकार स्थायी पॉलिसी पर कार्य कर रही हैl आयकर में अधिकांश संशोधन उक्त प्रावधानों के लूप होल दूर करने के लिए किये गए हैं जिससे कर विवादों में कमी आएगी। कार्यक्रम में सीए मौसम राठी,सीए अमितेश जैन, सीए मनोज पी गुप्ता, सीए अतिशय खासगिवाला, सीए स्वर्णिम गुप्ता, सीए ललित जैन, सीए अभिषेक गांग, सहित बड़ी संख्या में सीए एवं कर सलाहकार मौजूद थेl धन्यवाद् अभिभाषण इंदौर सीए शाखा के सचिव सीए रजत धानुका ने दिया।