हरियाणा की देविका सिहाग ने उत्कृष्ट खेल का प्रदर्शन करते हुए पांचवें खेलो इंडिया युवा खेल बैडमिंटन में पहले क्रम की देविका सिहाग ने महाराष्ट्र की नाइशा कोर भटोये को 19-21, 21-18, 21-10 से एक घंटे 5 मिनट में हराकर 19वर्ष बालिका एकल खिताब हासिल किया, देविका सिहाग और रिद्धि कोर तूर ने बालिका युगल फाइनल में तमिलनाडु की श्रेया बालाजी और एन धन्या को 10-21, 21-13, 21-7 से 44मिनट में हराया, तेलंगाना के के.लोकेश रेड्डी ने बालक एकल फाइनल में पंजाब के अभिनव ठाकुर को एक घंटे 4 मिनट में 21-19 ,15-21, 22-20 से पराजित किया, पहले क्रम के कर्नाटक के निकोलस नाथन राज और तुषार सुवीर ने हरियाणा के सनी नेहरा और मयंक राणा को 22-24, 22-20, 21-15 से 56 मिनट में हराया।
तीसरे स्थान के मुकाबले में केरल की पवित्रा नवीन ने उप्र की गार्गी को 21-11,21-17 से 36 मिनट में हराया, हरियाणा के खिलाड़ियों के बीच बालक एकल के तीसरे स्थान मुकाबले में पहले क्रम के भरत राघव को मनराज सिंह से वाक ओवर मिला, बालक युगल में दूसरे क्रम के उप्र के दिव्यम अरोरा और अर्श मोहम्मद ने उप्र के ही उज्जवल और दक्ष गौतम को 21-19,21-18 से एवं बालिका युगल में दूसरे क्रम की आंध्र की नव्या कन्देरी और जानवी नम्मि ने पहले क्रम की तमिलनाडु की जी कनिष्का और सानिया सिकंदर को 21-15, 21-12 से हराकर कांस्य पदक हासिल किया, बैडमिंटन स्पर्धा निदेशक महाराष्ट्र के उदय साने थे बैडमिंटन में चार दिन में 33 मैच ही हुए।
बास्केटबॉल : मप्र दोनों वर्गों के सेमीफाइनल में पराजित
मप्र को बास्केटबॉल में बालक और बालिका वर्ग में कांस्य पदक के लिए खेलना हैं। इंदौर के बास्केटबॉल ट्रस्ट परिसर में बालिकाओं के सेमीफाइनल में छत्तीसगढ़ ने मप्र को 63-39 अंकों से और पंजाब ने तमिलनाडु को हराया, बालकों के सेमीफाइनल में तमिलनाडु ने मप्र को 80-68 अंकों से और राजस्थान ने चंडीगढ़ को पराजित किया।
भारोत्तोलन के लिए बास्केटबॉल जल्दी
भारोत्तोलन बास्केटबॉल ट्रस्ट परिसर में ही 6 फरवरी से होगी, इसीलिए 4 फरवरी को बास्केटबॉल के तीसरे स्थान और फाइनल मुकाबले के समय को बदल दिया गया है, सुबह ही तीसरे स्थान के मुकाबले होंगे, फिर डेढ-दो बजे तक फाइनल भी हो जाएंगे ताकि इनडोर स्टेडियम में भारोत्तोलन के लिए तैयारी को अधिक समय मिल जाए, स्टेडियम में मंच बनेंगे, वजन वर्ग होने से विशेष सुरक्षा और सावधानी के बंदोबस्त किए जाएंगे, इंदौर के अभय प्रशाल में टेबल टेनिस के बाद कबड्डी का रंग जमेगा।
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इवेंट्स मैनेजमेंट का क्या काम
खेल में अखेल जानकार इवेंट मैनेजमेंट और वालंटियर के हावी होने से खेल विभाग और खेल संगठनों की नाराजगी दिखाई दे रही हैं, वे सभी अपने को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं, खेल विशेषज्ञ भी अपनी उपेक्षा से खिन्न हैं, ये अखेल जानकार उन्हें कोई तवज्जो ही नहीं दे रहे हैं, खेल वालों को जानते -पहचानते तो नहीं हैं,अपनी ही झांकी जमाने में लगे रहते हैं, इनके फोटो सेशन अधिक होते हैं और खेलप्रेमियों को तो झांकने ही नहीं देते हैं, जबरदस्ती की भीड़ जुटाने से खेल का माहौल बने से तो रहा, मीडिया के लिए भी समुचित व्यवस्था नहीं की गई है, उनके लिए उचित बैठक तक नहीं हैं। अपने सख्त लहजे से ये तो खेलों से लोगों की दूरी को बढ़ा रहे हैं क्योंकि इन्हें मालूम ही नहीं है कि किसे किसको क्या महत्व देना हैं।