Madhyapradesh: कम होती सर्दी के मध्य मध्यप्रदेश के मौसम में एक बार फिर परिवर्तन देखने को मिल रहा है. रीवा,सागर, शहडोल, जबलपुर सहित कुछ इलाकों में बादल डेरा डाले हुए हैं, जहां अगले कुछ दिनों में भारी वर्षा हो सकती है. पश्चिमी विक्षोभ की वजह से 23 से 26 जनवरी के मध्य कई जिलों में तेज़ वर्षा की आशंका जताई जा रही है. ऐसे में लोकल लोगों के साथ किसानों को भी सावधान रहने की आवश्यकता हैं.
कहां-कहां होगी बारिश
रविवार की सुबह ही रीवा, सतना, कटनी और दमोह के कुछ भागों में झमाझम वर्षा हुई है. अब जबलपुर, सागर, रीवा और शहडोल विभाग में मद्धम से मद्धम वर्षा की आशंका जताई जा रही है. मौसम विभाग के अनुसार अगर मानें तो 25 से 26 जनवरी के अंतर्गत ग्वालियर-चंबल संभाग और बुंदेलखंड के क्षेत्रों में वर्षा हो सकती है. हालांकि, भोपाल और इंदौर में वेदर क्लियर रहने की आशा भी जताई जा रही है.
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कैसा रहा पिछले 24 घंटों का हाल
मध्यप्रदेश में पिछले कुछ दिनों से निरंतर भीषण सर्दी रही थी. पारा 0 डिग्री तक चला गया था. इस दौरान टेंपरेचर में इजाफे से आम लोगों ने चैन की सांस ली हैं. रविवार सुबह राजधानी भोपाल का टेंपरेचर13 डिग्री सेल्सियस पंहुच गया. पिछले 24 घंटों में ग्वालियर और दतिया में टेंपरेचर सबसे कम रहा. हालांकि, जिन क्षेत्रों में बादल छाए हुए हैं वहां टेंपरेचर कुछ ज्यादा नहीं बढ़ा और वर्षा के कुछ टाइम बाद यहां सर्दी बढ़ सकती है.
क्यों होगी वर्षा
मौसम एक्सपर्ट के मुताबिक, उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव हो गया है. इसका प्रभाव मध्य में 21 जनवरी से दिखने लगा है. 2 दिन बाद पुनह ग्वालियर-चंबल सहित कई जिलों में सर्दी बढ़ सकती है. 22 जनवरी से 3 दिन तक लगभग 10 जिलों में मद्धम से मद्धम वर्षा की भी संभावना है. मतलब जनवरी के आखिरी में सर्दी में थोड़ा इजाफा देखने को मिल सकता है.
सतर्क रहने की आवश्यकता
सर्दी चाहे ही कम होने लगी है. परन्तु, दिन से ज्यादातर क्षेत्रों में कोहरा डेरा डाले रहता है. इस दौरान वर्षा को लेकर सतर्कता जारी की है. ऐसे में किसानों और लोकल लोगों को बेहद सावधान रहने की आवश्यकता है. इस तरह के मौसम में मौसमी बीमारियों का संकट बढ़ जाता है. इस कारण अपने खान पान का ख़ास ख्याल ध्यान रखें. सर्दी, जुकाम, खांसी जैसी समस्या बढ़ने पर डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें.