फरवरी में एक बार फिर सियासी हलचल होगी तेज, भाजपा खोल सकती है नियुक्तियों का पिटारा

mukti_gupta
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विपिन नीमा, इंदौर। चुनाव आते ही संगठन को दरी उठाने ओर नारे लगाने वाले कार्यकर्ताओ की याद आने लगती है। चुनाव से पहले एक बार फिर सियासी नियुक्तियों को लेकर सियासत तेज होती जा रही है। मलमास ख़त्म होने के साथ ही सियासी नियुक्तियों के इंतज़ार में बैठे भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं की एक बार फिर उम्मीदें जग गई है। यह साल राजनीति के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण है, क्योकि इसी साल विधानसभा चुनाव है और नई सरकार का गठन भी होना है। अब पूरे साल राजनैतिक गतिविधियो के अंतर्गत पार्टीयों के बीच तरह तरह दांव पेंच, आपसी खिंचतान, आरोप – प्रत्यारोप, छींटाकसी, चुनावी समीकरण ये सब देखने को मिलेंगे। फिलहाल मिशन 2023 को देखते हुए भाजपा और कांग्रेस ने तैयारियां शुरू कर दी है। फरवरी तक भाजपा सभी नाराज नेताओं को खुश करने के लिए नई नियुक्तियां करने जा रही है।

नियुक्तियों को लेकर सभी अड़चने दूर अब मिलेगा तोहफा

अभी प्रदेश के ज्यादातर बोर्ड-निगम और आयोगों में पद खाली पड़े हैं। विधानसभा चुनाव से पहले इन पदों को भरने के लिए सरकार और संगठन राजनीतिक नियुक्तियां करने जा रही है। जानकारी मिली है कि नियुक्तियों को लेकर संगठन ने सभी अड़चने खत्म कर ली हैं. इसे लेकर सभी तैयारियां भी हो गई है. ऐसे में अगले महीने के अंत पहले भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओ को बड़ा तोहफा मिल सकता है।

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इन विभागों में नहीं बनाये उपाध्यक्ष

● खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड , लघु उद्योग निगम
● स्टेट एग्रो इंडस्ट्रीज डेव्हलपमेंट कारपोरेशन लिमिटिड
● ऊर्जा विकास निगम, संत रविदास हस्तशिल्प एवं हथकरघा विकास निगम
● राज्य पशुधन एवं कुक्कुट विकास निगम
● म.प्र. गृह निर्माण एवं अधोसंरचना निर्माण मंडल
● मध्यप्रदेश महिला वित्त एवं विकास निगम
● मध्यप्रदेश अनुसूचित जनजाति वित् विकास निगम
● इंदौर विकास प्राधिकरण

2018 में हारी 103 सीटों को कवर करना है

भाजपा ने फिर से सरकार बनाने के लिए अभी से रणनीति बनाना शुरू कर दी है। एकाएक राजनीतिक नियुक्तियो को लेकर कोर ग्रुप की बैठक बुलाना तथा नाराजों को मनाने के लिए जल्द से जल्द नियुक्तियां करना ये सब रणनीति का हिस्सा है। 2018 में हारी 103 सीटों को कवर करना पार्टी का मेन फोकस रहेगा। भाजपा की नजर अब इन सीटों पर है।