जोशीमठ संकट को लेकर केंद्र अलर्ट, हर स्थिति से निपटने को तैयार बचाव दल, सरकार ने बनाई विशेष योजना

pallavi_sharma
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Joshimath: उत्तराखंड के जोशीमठ को भूस्खलन और भू-धंसाव क्षेत्र घोषित किए जाने के बाद राहत और बचाव की कोशिशें तेज कर दी गई हैं। इस आपदा पर खुद पीएम नरेंद्र मोदी ने कमान संभाल ली है। प्रधानमंत्री मोदी ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात की और निवासियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का सुझाव दिया। उन्होंने सीएम धामी से जोशीमठ से उजड़ चुके लोगों के पुनर्वास के लिए अब तक उठाए गए कदमों की भी जानकारी ली। पीएम मोदी ने मुख्यमंत्री को जरूरी मदद देने का भी भरोसा दिया। वहीं केंद्र सरकार ने रविवार को कहा कि तात्कालिक प्राथमिकता लोगों की सुरक्षा करना है।

60 से ज्यादा परिवार पहोचे राहत केंद्र

राज्य सरकार से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा कि जोशीमठ को एक भूस्खलन-धंसाव क्षेत्र घोषित किया गया है और इस ‘धंसता शहर’ में क्षतिग्रस्त घरों में रहने वाले 60 से अधिक परिवारों को अस्थायी राहत केंद्रों में ले जाया गया है. कम से कम 90 और परिवारों को निकाला जाना है. गढ़वाल के आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि स्थानीय प्रशासन ने शहर में चार-पांच स्थानों पर राहत केंद्र स्थापित किए हैं. इस बीच, चमोली के जिलाधिकारी  हिमांशु खुराना ने नुकसान की सीमा का आकलन करने के लिए प्रभावित क्षेत्र में घर-घर जाकर लोगों से राहत केंद्रों में जाने की अपील की.

मुख्यमंत्री ने की अहम् बैठक

शनिवार को मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी जोशीमठ के प्रभावित इलाकों का दौरा किया था. इस दौरे के बाद धामी ने लौटने के बाद यहां अधिकारियों के साथ बैठक की और राहत कार्यों में तेजी लाने के लिए नियमों में ढील देने को कहा. उन्होंने कहा कि उन्हें जोशीमठ में जल निकासी उपचार और सीवेज सिस्टम से संबंधित कार्य के लिए लंबी प्रक्रियात्मक जटिलताओं में न फंसने और सीधे उनसे मंजूरी लेने के लिए कहा गया था.

मामले की गंभीरता को समझते हुए प्रधान सचिव डॉ. पीके मिश्रा ने प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) में कैबिनेट सचिव और भारत सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्यों के साथ एक उच्च स्तरीय समीक्षा की. इस समीक्षा बैठक में जोशीमठ के जिला पदाधिकारी भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से उपस्थित रहेंगे. उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारियों को भी वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से समीक्षा में शामिल हुए.

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