शिवराज सरकार का अवैध उत्खनन को लेकर चरित्र उजागर- नरेंद्र सलूजा

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भोपाल -19 जनवरी 2021
मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने बताया कि विगत 10 जनवरी को इंदौर जिले के महू वनक्षेत्र के बड़गोंदा वन परिक्षेत्र में अवैध उत्खनन व अवैध सड़क निर्माण मामले में वन विभाग के अधिकारियों द्वारा एक जेसीबी व ट्रैक्टर ट्राली को कार्रवाई कर जप्त किया गया था।कार्यवाही के बाद वन परिसर में खड़ी उक्त जेसीबी और ट्रैक्टर ट्राली को प्रदेश की मंत्री उषा ठाकुर व उनके 15-20 समर्थक बलपूर्वक ,शासकीय कार्य में बाधा डालकर ,अवैधानिक तरीके से डकैती डालकर छुड़ाकर ले गए थे ,ऐसा आरोप क्षेत्र के डिप्टी रेंजर व वनपाल राम सुरेश दुबे ने पुलिस विभाग को कार्रवाई के लिए दिये अपने आवेदन में लगाया था।उनकी इस साहसिक व ईमानदारी पूर्ण की गई कार्रवाई पर उन्हें शाबाशी मिलने की बजाय और उनके आवेदन पर कार्रवाई करने की बजाय उल्टा शिवराज सरकार ने एक ईमानदार व कर्तव्यनिष्ठ अधिकारी डिप्टी रेंजर राम सुरेश दुबे को का तबादला ही कर डाला , इससे शर्मनाक कुछ नहीं हो सकता ?

सलूजा ने बताया कि अच्छा होता शिवराज सरकार वनपाल के आवेदन पर मंत्री व उनके समर्थकों पर शासकीय कार्य में बाधा ,अवैध उत्खनन व डकैती की धाराओं में कार्रवाई करती लेकिन वनपाल पर कार्रवाई करने से स्पष्ट हो गया है कि सरकार का चरित्र दो तरह का है ,सरकार की अवैध उत्खनन को लेकर नीति व नीयत स्पष्ट हो गई है।
एक तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान रोज चिल्ला चिल्ला कहते हैं कि माफियाओं को जमीन में गाड़ दूंगा ,टांग दूंगा ,लटका दूंगा ,छोड़ूंगा नहीं , वह प्रदेश छोड़कर चले जाएं , वही दूसरी तरफ वन क्षेत्र में अवैध उत्खनन कर रहे व अवैध तरीक़े से सड़क निर्माण कर रहे भाजपा से जुड़े लोगों पर और उस मामले में मंत्री उषा ठाकुर की भूमिका सामने आने के बाद भी उन पर कार्रवाई की बजाय ,सरकार ने उल्टा फ़रियादी डिप्टी रेंजर पर ही कार्रवाई कर डाली ?
सलूजा ने बताया कि यह तो उसी दिन स्पष्ट हो गया था जब प्रदेश के वन मंत्री विजय शाह ने इस मामले में ताबड़तोड़ देर रात को पत्रकार वार्ता कर इस पूरे मामले पर जांच दल बनाने की घोषणा की थी और मंत्री को क्लीन चिट दी थी।
उस जांच दल की रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है ना उस जमीन के सर्वे की रिपोर्ट अभी तक सामने आई है लेकिन उसके पहले ही डिप्टी रेंजर पर कार्रवाई कर दी गयी , इसी से समझा जा सकता है इस मामले में सरकार किस तरह की जांच रिपोर्ट चाहती है ? यदि इस तरह का कृत्य कोई अन्य व्यक्ति करता हुआ पाया जाता तो वह अभी तक जेल की सलाखों के पीछे होता लेकिन क्योंकि मामला मंत्री व उनके समर्थकों से जुड़ा है इसलिए सरकार अवैध उत्खनन व अवैध निर्माण मामले में गूंगी-बहरी बन गई है।
प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज जी को अपना नारा बदलकर अब नया नारा बोलना चाहिए कि “भाजपा से जुड़े माफियाओं व अवैध उत्खनन करने वालों के खिलाफ यदि किसी अधिकारी ने कार्यवाही को तो कार्यवाही करने वालों को जमीन में गाड़ दूंगा ,लटका दूंगा ,टांग दूंगा और उनका तबादला कर दूँगा “ यह नारा इस कार्रवाई के बाद स्पष्ट रूप से सामने आ रहा है।

नरेंद्र सलूजा