नई दिल्ली। भारत में दुनिया का सबसे बड़ा टीकाकरण अभियान आज शुरू हो गया है। लेकिन अब भारत के सामने यह चुनौती है कि, कोराना वैक्सीन को घर-घर तक कैसे पहुंचाया जाए। इसी कड़ी में इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) के पूर्व प्रमुख डॉ. आर गंगाखेडकर इसे लेकर आश्वस्त दिखे। उन्होंने कहा कि, यह सिर्फ देश के लिए नहीं बल्कि पूरी दुनिया के लिए ऐतिहासिक दिन है। अभी तक कोई ऐसी महामारी नहीं रही है, जिसके लिए इतनी जल्दी वैक्सीन आई हो। वैक्सीन सिर्फ आई ही नहीं बल्कि इसे लगाने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है।
उन्होंने न्यूज़ एजेंसी से बात कर कहा कि सरकार ने लॉकडाउन का फैसला किया जिसे लोगों का समर्थन मिला। इससे हमें 4-5 महीने का समय मिल गया और उस दौरान सरकार ने आत्मनिर्भर भारत का आह्वान किया था। उस दौरान इस महामारी से निपटने के लिए सभी किस्म के साधनों मसलन पीपीई किट, मास्क आदि को बनाने का समय मिला।
साथ ही उन्होंने कोरोना वैक्सीनेशन की तैयारियों पर कहा कि अभी तक हम बच्चों में प्रतिरोधक क्षमता विकसित करने के लिए वैक्सीन दे रहे थे। हमारा बुनियादी ढांचा छोटे-छोटे गांवों तक पहुंच रहा है। लेकिन कोरोना वैक्सीनेशन का यह मामला अलग तरह का है। कभी इस तरह का बड़ों में वैक्सीनेशन नहीं किया था।
डॉ. आर गंगाखेडकर ने आगे कहा कि कोरोना वैक्सीन के लिए दूसरे बुनियादी ढांचों की तैयारी भी अच्छे तरीके से की गई है। चाहे वो परिवहन का मामला है या वैक्सीन के रखरखाव का। हमने बेहतर काम किया है। इसका फायदा भी नजर आ रहा है। साथ ही वैक्सीन को लेकर अफवाह और डर पर डॉ. आर गंगाखेडकर ने कहा कि जब अनिश्चितता दिखती है लोगों के मन में डर आता है कि क्या होगा? ऐसे में जो पॉजिटिव न्यूज आती है, उधर ध्यान कम जाता है निगेटिव की तरफ अधिक ध्यान रहता है। डर के माहौल में यह सब होता है। मैं बताना चाहता हूं कि वैक्सीनेशन को लेकर कोई साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिल रहे हैं, तो इतना डरने की जरूरत नहीं है।