विशेष जुपिटर हॉस्पिटल, इंदौर में पिडियाट्रिक आर्थोपेडिक शिविर में मुम्बई के प्रसिद्ध पिडिआट्रिक ऑर्थोपेडिक सर्जन डॉ. तरल नागदा, डॉ. अर्पित अग्रवाल (पिडियाट्रिक आर्थोपेडिक सर्जन, इंदौर) और डॉ. अदिती नीमा (पिडियाट्रिक रिहेबिलिटेशन विशेषज्ञ, इंदौर) ने निःशुल्क परामर्श और रियायती दरों पर जाँच और सर्जरी की।
बच्चों की हड्डी रोग से संबंधित परेशानियां जैसे सेरेब्रल पाल्सी, जन्म से गर्दन, हाथ व पैर का टेढ़ा होना, बच्चों का लचककर चलना या देरी से चलना, बच्चों की नसों, मांसपेशियों और हड्डी की बीमारी, क्लब फूट, फ्लेट-फूट, बोन ट्यूमर, बोन इंफेक्शन जैसी बीमारियों से ग्रसित बच्चों का शिविर में निःशुल्क परामर्श के साथ उचित इलाज हेतू मार्गदर्शन किया गया।
डॉ तरल नागदा ने बताया कि बच्चों को जन्म के समय से हड्डियों से जुड़ी कई समस्याएं होती है, जिसका इलाज एक पीडियाट्रिक ऑर्थोपेडिक सर्जन ही कर सकता है। विशेष जुपिटर हॉस्पिटल, इंदौर में उच्च स्तरीय पिडियाट्रिक आर्थोपेडिक विभाग एवं रिहेबिलिटेशन विभाग में गंभीर से गंभीर पिडियाट्रिक आर्थोपेडिक समस्याओं का निदान विशेषज्ञ डॉक्टर की टीम द्वारा किया जाता है।
बच्चों को अलग तरह से ट्रीट किया जाता है :
डॉ. अर्पित अग्रवाल (पिडियाट्रिक आर्थोपेडिक सर्जन, इंदौर) ने कहा कि बच्चों की हड्डी से संबंधित समस्याओं को बड़ों की तरह ट्रीट नहीं किया जा सकता। बच्चों में इन प्रकार की समस्याओं का इलाज करते समय बच्चों की हड्डियों की ग्रोथ को ध्यान रखकर ही सही इलाज किया जाता है। डॉ. अदिती नीमा (पिडियाट्रिक रिहेबिलिटेशन विशेषज्ञ, इंदौर) ने बताया कि बच्चों की रिहेबिलिटेशन के समय विशेष रूप से उनकी उम्र, मांसपेशियों और हड्डियों के विकास को ध्यान में रखा जाता है। ये एक विशेषज्ञ रिहेबिलिटेशन टीम ही कर सकती है।
शिविर के बाद विशेष जुपिटर हास्पिटल, इंदौर और इंडियन एकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स इंदौर चैप्टर के संयुक्त तत्वाधान में 18 दिसंबर 2022। पिडियाट्रिक डॉक्टर्स के लिए सीएमई का आयोजन किया गया। इसमें डॉ. तरल नागदा, डॉ. अर्पित अग्रवाल और डॉ अदिती नीमा ने आधुनिक तकनीक और उपचार प्रणाली को लेकर इंदौर के बाल रोग विशेषज्ञों से बात की और वरिष्ठ बाल रोग विशेषज्ञों ने भी अपने विचार साझा किए। सीएमई को पिडियाट्रिक डॉक्टर्स द्वारा अच्छा प्रतिसाद मिला।
Source : PR