उत्तर प्रदेश के आगरा में स्थित विश्व प्रसिद्ध इमारत ताजमहल एक बार फिर सुर्खियों में है। लेकिन इसका कारण कुछ ऐसा है जिसको सुनकर आप भी हैरान हो जाएंगे। ताजमहल और एतमादुद्दौला के मकबरे का हाउस टैक्स भरने के लिए आगरा नगर निगम की तरफ से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) को जारी किया गया नोटिस। इस नोटिस में ASI को 15 दिनों के अंदर हाउस टैक्स जमा नहीं करने पर इमारत जब्त करने की चेतावनी दी गई है।
इस मामले में जब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण आगरा सर्किल के अधीक्षक आरके पटेल से बात की तो उनका कहना था कि नगर निगम एएसआई संरक्षित किसी भी इमारत को नोटिस जारी नहीं कर सकता है। गलती से उनकी तरफ से यह नोटिस जारी किया गया होगा। अधीक्षक आरके पटेल ने कहा कि किसी भी एएसआई संरक्षित स्मारक पर हाउस टैक्स नहीं लगता है और इसका बकायदा एक्ट में अलग प्रावधान है।
इस पूरे मामले में ASI आगरा सर्किल के अधीक्षक राजकुमार पटेल ने कहा, नगर निगम ASI संरक्षित किसी भी इमारत को टैक्स का नोटिस नहीं जारी कर सकता है। भारतीय संविधान में भी इसका अलग से प्रावधान है। ताजमहल और एतमादुद्दौला भारत सरकार की संपत्ति हैं, विभाग तो केवल इनकी देखभाल करता है। उन्होंने कहा कि नगर निगम के अधिकारियों की तरफ से यह गलती हुई है और अब इस पर एक्शन लिया जाएगा।
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मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, नगर निगम के अधिकारियों ने हाउस टैक्स का टेंडर साईं कंस्ट्रक्शन कंपनी को दिया था, जिसने गलती से ASI को ताजमहल और एतमादुद्दौला के टैक्स भरने के लिए नोटिस जारी कर दिया था।