सरकार मध्य प्रदेश के साढ़े चार लाख पेंशनभोगियों (Pensioners) की प्रत्येक माह मिलने वाले महंगाई राहत में पांच फीसदी की बढ़ोतरी करेगी। छत्तीसगढ़ सरकार ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी है। एक मई 2022 से सातवें वेतनमान (7th pay commission) में महंगाई राहत 22 फीसदी और छठे वेतनमान में 174 फीसदी होगी। हालांकि यह बढ़ोतरी भी कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते से नौ फीसदी कम होगी। राज्य में कर्मचारियों को 31 फीसदी महंगाई भत्ता मिल रहा है।
5% की वृद्धि होने के बाद छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों के महंगाई राहत बढ़कर 33% हो गई है। बता दें कि राज्य विभाजन से पहले के कर्मचारियों की पेंशन पर होने वाले खर्च का 76% हिस्सा मध्य प्रदेश जबकि 24% हिस्सा छत्तीसगढ़ द्वारा वहन किया जाता है। राज्य विभाजन के फूल के कर्मचारियों की संख्या 40 हजार के करीब है।
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साथ ही मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम-2000 की धारा 49 के अनुसार महंगाई राहत में वृद्धि की मध्य प्रदेश को सहमति दी गई है। विभागीय अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की सहमति मिलने के बाद अब महंगाई राहत बढ़ाने के आदेश जारी किए जाएंगे क्योंकि कैबिनेट पहले ही महंगाई राहत बढ़ाने का फैसला कर चुकी है।
वहीं पेंशनभोगी संघ मध्य प्रदेश के वरिष्ठ उपाध्यक्ष गणेश दत्त जोशी ने कहा कि महंगाई राहत में मात्र पांच प्रतिशत की वृद्धि पेंशनभोगी के साथ अन्याय है। इस बढ़ोतरी के बाद भी महंगाई भत्ते और महंगाई राहत में 11 फीसदी का अंतर रहेगा। पहले भी जब महंगाई राहत बढ़ाई गई थी, तब भी एरियर नहीं दिया गया था। छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा दी गई सहमति में इस बार भी एरियर राशि का उल्लेख नहीं है। इस बीच, निगम-मंडल पेंशनर्स एसोसिएशन के अनिल वाजपेयी और अरुण वर्मा ने मांग की कि राज्य सरकार क्षेत्रीय भविष्य निधि संगठन को उच्च पेंशन देने के अदालत के आदेश को जल्द लागू करने का निर्देश दे।