हमारे समाज में बहुत सी ऐसी मान्यताएं हैं जिनके आधार पर कुछ विशिष्ट दिशा निर्देश का पालन करने का निर्देश पुराने लोग अक्सर दिया करते हैं। कई ऐसे कार्य हैं जिन्हें हमारी सामाजिक मान्यताओं के आधार पर वर्जित घोषित किया हुआ है। मान्यता का अनुसार इन कार्यो को करने से नकारात्मक परिणाम सामने आ सकते हैं, जिनका जीवन पर बहुत ही बुरा परिणाम मिल सकता है । इन तथ्यों का गहराई से विश्लेषण करने पर पता चलता है कि इन सभी वर्जनाओं के पीछे वैज्ञानिक कारण भी छुपे हैं।
एक साथ तीन रोटियां परोसना होता है अशुभ
हमारे समाज में दैनिक जीवन शैली को लेकर कई सारे छोटे और बड़े दिशा निर्देश दिए गए हैं। ये दिशा निर्देश समय के साथ में मान्यताओं और परम्परा में बदले और धीरे-धीरे आधुनिकता की दौड़ में कुछ पीछे रह गए, परन्तु आज भी उनके प्रभाव समाज में देखे जा सकते हैं। एक ऐसी ही पुरानी सामाजिक मान्यता के अनुसार भोजन कर रहे व्यक्ति की थाली में एक साथ तीन रोटियां परोसना बहुत ही अशुभ माना गया है। माना जाता है कि एक साथ तीन रोटियां परोसने से खाने वाले व्यक्ति और रोटियां परोसने वाले व्यक्ति पर एक समान रूप से दुष्प्रभाव इस कृत्य का पड़ता है।
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मृत आत्माओ के लिए निकाली जाती है 3 रोटी
हमारी प्राचीन परमपराओं और मान्यताओं में भोजन कर रहे व्यक्ति की थाली में एक साथ तीन रोटियां परोसने को वर्जित बताया गया है, मान्यता है कि ऐसा करने से खाने और परोसने वाले दोनों को बुरे और नकारात्मक परिणाम भुगतने पढ़ते हैं। परम्पराओं के अनुसार यदि और व्यक्ति मृत हो जाता है तो उसकी आत्मा की शांति के लिए किए जाने वाले तेरहँवी और श्राद्ध आदि कर्मों में उस मृत आत्मा को समर्पित भोजन की थाली में तीन रोटियां या तीन पुड़िया परोसी जाती है। इसीलिए किसी जीवित व्यक्ति की थाली में तीन रोटियां एक साथ परोसना वर्जित माना गया है और ऐसा करने पर बुरे परिणाम सामने आने की चेतावनी भी मान्यताओं में दी गई है।