विपिन नीमा
इंदौर। दो साल बाद शहर में बहुत ही जोरदार ओर खुशहाल माहौल के बीच सबसे बड़ा दीपावली पर्व मनाया गया। दीपावली की सुबह से लेकर शाम तक लोग घरों और दुकानों पर पूजा में व्यस्त रहे। साथ ही मिलने – जुलने वाले भी आते जाते रहे। यह सिलसिला भी दिनभर चलता रहा। पूजन के बाद आतिशबाजी का दौर शुरू हुआ और देर रात तक चलता रहा।
फटाखे इतने फूटे की शहर के चारो तरफ से धमाकों की आवाज गूंज रही थी। लोंगो ने खूब फटाखे फोड़े। आनंद ओर खुशियों के साथ दीपावली मनाई। मिलने – जुलने , पूजा अर्चना तथा आतिशबाजी से निवृत होने के बाद दिनभर के कामकाज की थकान उतारने के लिए लोग घर पहुंचे ओर यही सोचकर थकान उतारी होगी कि अगले दिन तो छुट्टी है आराम से उठेंगे। इन सब के बीच शहर का एक वर्ग ऐसा भी था , जिसने भी बड़े उत्साह के साथ दीपावली मनाई , लेकिन इनका लक्ष्य कोई दूसरा ही था।
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मै बात कर रहा हूँ हमारे सफाई मित्रो की , जिन्होंने लोगों की थकान उतरने से पहले ही शहर की सड़कों की थकान उतार दी। बीती रात शहर की सड़कों पर हजारों टन कचरा फैला हुआ था । इधर पूरे शहर के सफाई कर्मियों ने अपनी किट ओर पूरी प्लांनिग के साथ सूरज उगने से पहले ही सफाई के लिए मोर्चा संभाल लिया था। सूरज चने से पहले ही सफाई कर्मियों की ऐसी झाड़ू चली की देखते ही देखते चंद घंटों में पूरा शहर चकाचक हो गया। सड़के भी इतराने लगी है।
सफाई कर्मियों की इसी खासियत से ही तो इंदौर बना सरताज
पूरी दुनिया मे इंदौर को सफलता के शिखर पर पहुंचाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले हमारे शहर के सफाई कर्मियों ने इंदौर को कहा से कहा पहुंचा दिया। सफाई कर्मियों ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि सफाई के मामले में हम से बढ़कर कोई नही है। सफाई कर्मियों के बारे में इतना जरूर कह सकते है कि मेहनत , लग्न कार्य के प्रति लगाव उनके रग रग में दिखने लगा है। सफाई कर्मियों की इसी खासियत ने इंदौर को सफाई का सरताज बनाया है।
कमिश्नर की प्लांनिग कामयाब रही , प्लान के मुताबिक चला अभियान
दीपावली के पहले ही निगम कमिश्नर ने अपने सफाई कर्मियों को दीपावली के अगले दिन सफाई के लिए पूरा प्लान तैयार कर लिया था। इसी प्लान के मुताबिक डेढ़ से दो हजार सफाई कर्मियों को तैयार कर दिया गया था। सफाई में हम इतने झंडे गाड़ चुके है इसलिए शहर को नीड एंड क्लीन रखना हमारी आदत सी बन गई है। इसलिए रंपपंचमी वाले दिन भी ऐसा ही होता है।
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इस दिन रंगारंग गेरे निकलने के बाद सड़को पर गंदगी और कचरा इस कदर हो जाता है जैसे सालों से सड़के साफ नही हुई हो। रंग खेलकर लोग घर जाते है उनके चहरे से रंग उतरने से पहले ही सड़के गंदगी व कचरे से साफ हो जाती है। बताया गया है कि दीपावली पर इस बार ज्यादा कचरा निकला है ऐसे में नगर निगम के सफाईकर्मियों ने भी जी तोड़ मेहनत कर शहर को स्वच्छ बनाने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ी है।
रातभर सड़कों पर कचरा ही कचरा ही सुबह कुछ नही मिला
दो साल बाद शहर में बहुत ही धूमधाम के साथ दीपावली बनी। दीपावली की रात फटाखे भी जमकर ओर देर रात फूटते रहे , जिसके चलते शहर का हर चौराहा, हर मोहल्ला, हर कॉलोनी , रोड पर कचरों का ढेर लग गया था। जगह – जगह हुए कचरों के ढेर देखकर यही अनुमान लगाया जा रहा था कि पूरा शहर साफ होने में कम से कम दो दिन लगेंगे , लेकिन हमारे शहर के सफाई वीरों कमाल देखिये सूरज चढ़ने से पहले ही सड़के साफ कर दी। शहर का ऐसा कोई हिस्सा नही बचा होगा जहां कचरे का ढेर लगा हो। चंद घंटों में शहर को साफ सुथरा बनाने वाले सफाई वाकई बधाई के पात्र है।
अफसरों का सपोर्ट से ही सफाई कर्मियों का बढ़ता है मनोबल
सफाई मित्रों या सफाई कर्मी भी इतने परफेक्ट हो गए है कि अब वे भी सफाई के मामले किसी से कोई समझौता नही करते है। कल रात कुल कितने कचरा निकला इसकी जानकारी नही मिली , लेकिन कचरे की गाड़ियां पूरे शहर को कवर कर रही थी। कलेक्टर मनीष सिंह, निगमायुक्त प्रतिभा पाल , मेयर पुष्यमित्र भार्गव समेत निगम के तमाम अफसरों सफाई के प्रति सजग रहते है । ये सभी अफसर सफाई कर्मियों को पूरा सपोर्ट भी करते है । इसी कारण आज हम हमारा इंदौर सफाई के शिखर पर खड़ा है।